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प्रोजेक्ट चीता पर वेब सीरीज: प्रोजेक्ट चीता पर बनेगी वेब सीरीज, एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक की होगी कहानी

भारत डेली जाने के बाद कुछ चीतों की मौत भी हुई है। वहीं, 17 शावकों का जन्म हुआ है, जिनमें से 12 जीवित हैं।

पर प्रकाश डाला गया

  1. दुनिया को यूक्रेन से भारत के प्रेम को देखें प्रोजेक्ट चीता वेब सीरीज
  2. वेब सीरीज में बताई जाएगी चीट्स की कम्पटी के बाद बसाने की कहानी
  3. अफ़्रीका महाद्वीप से भारत में भित्तिचित्र बसाए गए चीते

एजेंसी, नई दिल्ली (प्रोजेक्ट चीता पर वेब सीरीज)। नोकिया से भारत के प्यार को जल्द ही पूरी दुनिया देखेगी। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में चीतों को आबाद करने की पहली घटना पर बनने वाली परियोजना चीता वेब सीरीज के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। इस वेब सीरीज को चार स्कूटर में बनाया जाएगा। अफ्रीकी महाद्वीप से भारत में बसाने की कठिन कहानी बयां की जाएगी।

पता चला कि वेब सीरीज का फिल्मांकन विस्टा: ‘प्रोजेक्ट चीता‘ की दूसरी सालगिरह आसपास शुरू होगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के उप महानिरीक्षक वैभव चंद्र मथुरा ने 21 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्य क्षेत्र वार्डन को लिखे पत्र में कहा कि प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने वेब सीरीज के प्रोजेक्ट चीता के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

पत्र में शेन फिल्म्स और प्लांटग प्रोडक्शन को मानक स्तर और मशीनरी के कुनो नेशनल पार्क और गांधी सागर सैंक्चुअरी में फिल्मांकन करने की सुविधा की पेशकश की गई है। राज्य के मुख्य कार्यालय वार्डन ने छह अगस्त को मंजूरी दे दी।

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प्रोजेक्ट चीता: वेब सीरीज में क्या-क्या दिखाया गया है

  • वेब सीरीज के माध्यम से चीतों को भारत में आई क्लस्टर, चीतों की स्थिति और भविष्य की ही चुनौतियों का सामना करने के लिए लोगों के साथ इस परियोजना की डिग्री से भी अलग-अलग डिग्री प्राप्त होगी।
  • मध्य प्रदेश पर्यटन और ‘एमपी टाइगर फाउंडेशन’ को लेकर 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के लिए वेब सीरीज बनाने वालों ने प्रोजेक्ट के लिए संपर्क किया है।
  • एक अधिकारी ने कहा, वित्तीय सहायता संभव नहीं है, लेकिन हम वेब सीरीज के फिल्मांकन के लिए पूरा सहयोग देंगे। स्कॉलरशिप है कि अब तक अफ्रीका से 20 चीते भारत डाउनलोड किए गए हैं।
  • इनमें से आठ चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से डेलीवेज्ड थे, जबकि फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते डेलीवेजेड थे। हालाँकि, भारत आने के बाद आठ वयस्क चीतों की मृत्यु हो गई।

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दक्षिण अफ्रीका से पढ़ें और जानें

अधिकारियों के मुताबिक, भारत ने साल के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से और चीते प्रेरणा के प्रयास में भी तेजी ला दी है. इस संबंध में एक सार्थक शीघ्र दक्षिण अफ्रीका के लिए बातचीत होगी। चीतों को लेकर केन्या से भी बातचीत चल रही है। भारत में चीटों को अफ्रीका लाने की कार्य योजना दक्षिण, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से पाँच वर्षों में प्रति वर्ष लगभग 12-14 चीटों के आने की बात कही गई है।