पर प्रकाश डाला गया
- दूसरे जिले में नहीं भेजा गया प्रदेश के अतिशेष सात हजार शिक्षक।
- जिला शिक्षा अधिकारियों को रोकी प्रक्रिया के निर्देश।
- शिक्षक छात्रों ने 16 सितंबर को हड़ताल करने का फैसला लिया।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया/रायपुर। शिक्षा विभाग ने सुपरमार्केट में अतिशेष स्टूडियो के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब ये टीचर जिन स्कूल में पढ़ रहे हैं, नागालैण्ड। शिक्षक विद्वानों का दावा है कि नॉचर्न ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिया है।
बता दें कि शिक्षक अध्यापिकाओं के नेताओं के लगातार विरोध के बाद शिक्षा विद्यार्थियों ने दबाव में यह निर्णय लिया है। दो दिन पहले शिक्षक छात्रों ने स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल से मुलाकात की थी। इस दौरान शिक्षक और शिक्षा सचिव के बीच बातचीत विफल रही।
16 सितंबर को टीचर्स आर्टिस्ट्स ने स्कूल में हड़ताल की शुरुआत की थी। सेक्रेटरी को बैकफुट पर आना पड़ा। छात्रों की पढ़ाई से प्रभावित न होएज अधिकारियों ने बताई प्रक्रिया लाभ ही मुनासिब समझा। शिक्षक नेताओं को पदस्थापित पार्टी के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा था।
मामले में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल पारदेशी से बात करने की कोशिश की मगर संपर्क नहीं हो पाया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारियों ने युक्तियुक्तकरण सूची जारी नहीं की है, इसकी पुष्टि की गई है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष बीयर्स ने बताया कि शौचालय युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जारी की गई है।
बीजेपी अध्यक्ष ने भी लिखा था सीएम को पत्र
नेटवर्क के विरोध के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने तो बकायदा मुख्यमंत्री विष्णु देव को पत्र भी लिखा था कि, नेटवर्क के नीति आयोग के फैसले पर विचार किया जाएगा। यह बताया गया है कि प्रयोगशाला-पंचायत चुनाव तक युक्तियुक्तकरण या यूक्रेनी गुड़िया का चुनाव नहीं किया जाएगा।
आउटलेट के साथ सिलिकॉन के विलयन का निर्णय भी अटका
राज्य सरकार ने प्रदेश केचार हजार 77 स्कलों के अवशेषों को अन्य स्कलों में विलय करने का निर्णय लिया। दावा किया गया था कि एक ही परिसर में चल रहे प्राइमरी-मिडिल, हाई और टाइगर्स आक्सेस को विलय में शामिल करने से इन स्कूलों में सहकारी समिति की कमी दूर होगी और स्थापना व्यय भी कम आएगा।
विलय होने वाले शिक्षकों के छह हजार शिक्षक भी नए स्कूल में स्थानांतरित होंगे। इसके अलावा 7,303 शिक्षक जो पहले से ही अतिशेष हैं। उन्हें भी कम शिक्षक वाले स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए समितियाँ भी स्टूडियो हुई थीं।