जोधपुर, 11 सितम्बर। जोधपुर के किलेदार जिले के बैया गांव के विक्रम सिंह, नेपाल के सिंह और जिले के महेंद्र सिंह की शादी पाकिस्तान के सिंध इलाके में साल पहले 2019 में हुई थी। लेकिन आतंकवादी हमले और फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच दरार आ गई। इस कारण से वतन के वापस आने के कारण वधू भारत नहीं आ सकी थी। इस साल काफी संकट के बाद नेपाल सिंह और महेंद्र सिंह की दुल्हनें मार्च में भारत आ गईं। अब शुक्रवार को अटोरी और बांडुंग से विक्रम सिंह की पत्नी कंवर भी भारत आई हुई हैं और वहां से उनका मुस्लिम बिजनेस पहुंच गया है।
जनवरी 2019 में बया निवासी विक्रम सिंह और नेपाल सिंह की बारात थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान के सिंध इलाके में गई थी। शादी के बाद आतंकी हमले की वजह से थार एक्सप्रेस की बस हवाई और सेवा भी बंद कर दी गई थी। दोनों अप्रैल तक पाकिस्तान में ही थे और फिर भारत लौट आए। इस दौरान दोनों दुल्हनों के बीच परेशानियों की वजह से हुई मुलाकात में उनका साथ नहीं आ रहा था। विक्रम सिंह के भारत आने के बाद उनकी पत्नी ने बेटे राजवीर सिंह को पाकिस्तान में ही जन्म दिया।
इस बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के प्रयास के बाद 9 मार्च को बया निवासी नेपाल सिंह की पत्नी और गरीब निवासी महेंद्र सिंह की पत्नी अटोरी सीमा से भारत आ गईं। लेकिन निर्मल कंवर के पासपोर्ट में टेक्निकल ईशू की वजह से भारत आने का मिशन नहीं मिल पाया। विक्रम सिंह और रत्ना कंवर के पुत्र राजवीर सिंह रत्न कंवर की बहन के साथ भारत आये। इसके बाद मंत्री ने लगातार अपना प्रयास जारी रखा और शुक्रवार को परमाणु हथियार के रूप में भी परमाणु सीमा से भारत पहुंच गए।
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के प्रयास से 6 महीने की साक्षात्कार में तीन युवतियां अपने पति के करीब पहुंच गईं। मार्च में भाई की पत्नी आने के बाद विक्रम सिंह मंत्री से लगातार संपर्क कर रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान के लोग पाकिस्तान में रहने वाले लोग हैं। लेकिन जोधपुर से पासपोर्ट होने के कारण पाकिस्तान वाली थार एक्सप्रेस का ऑपरेशन डेजर्ट दो सागरों से बंद है, इस कारण से क्यूबा एक-दूसरे से नहीं मिल पा रहे हैं।