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Yogi AdityaNath का बड़ा कदम: आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट जैसी सुविधाओं का निर्देश

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi AdityaNath ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो राज्य के परिवहन विभाग और आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कार्यालयों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर जनोपयोगी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं को अधिक सुलभ, सरल और तकनीक-सक्षम बनाना है।

आरटीओ कार्यालयों को हाईटेक बनाने की पहल

मुख्यमंत्री Yogi AdityaNath ने मंगलवार को परिवहन निगम और परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया कि आरटीओ कार्यालयों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं ताकि लोगों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े। उन्होंने इस दिशा में तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को इस तरह से विकसित किया जाए कि वे पूरे देश में एक मॉडल बन सकें। यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देशभर में आरटीओ सेवाओं में सुधार का एक बड़ा उदाहरण बनेगा।

फर्जी लाइसेंस पर लगाम

मुख्यमंत्री Yogi AdityaNath ने फर्जी लाइसेंस के मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर फर्जी लाइसेंस जारी नहीं होने चाहिए। आरटीओ कार्यालयों में बाहरी व्यक्तियों की अनावश्यक उपस्थिति को भी सख्ती से रोका जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और सुरक्षा के दृष्टिगत सभी आरटीओ कार्यालयों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। इसके लिए पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर आरटीओ में भी व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी, जिससे कि लाइसेंस प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके।

ई-चालान और फेसलेस सेवाओं का विस्तार

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को ई-चालान व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनाने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए उपलब्ध सारथी ऐप और पोर्टल की तरह प्रदेश में अधिक से अधिक फेसलेस सेवाएं शुरू करने का निर्देश दिया। इस कदम से नागरिकों को आरटीओ कार्यालयों में जाने की आवश्यकता कम होगी और उन्हें घर बैठे सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

सड़क सुरक्षा पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों का जीवन प्रदेश और देश का भविष्य है, और उनके साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए एक अभियान चलाकर स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि केवल प्रशिक्षित चालक ही स्कूली वाहनों को चलाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क पर कोई भी डग्गामार वाहन न चलने पाए।

ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्रवाई

योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने गृह, खनन, और परिवहन विभाग को मिलकर एक टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया, जो इन वाहनों पर नियंत्रण रखेगी। इसके साथ ही, दूसरे राज्यों से आने वाले ओवरलोडेड वाहनों को प्रदेश की सीमा पर ही रोकने का निर्देश दिया गया है। यह कदम सड़कों पर सुरक्षा और यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

नई स्क्रैप पॉलिसी की प्रभावी लागू

मुख्यमंत्री ने राज्य में नई स्क्रैप पॉलिसी को और प्रभावी तरीके से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत कंडम वाहनों को जल्द से जल्द स्क्रैप किया जाए ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। यह कदम राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा प्रयास है और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर ध्यान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियों पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2019 के मुकाबले अधिक दिव्य और भव्य होगा। महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सात हजार समर्पित बसों का संचालन किया जाएगा। साथ ही इन बसों के चालकों और परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके पास आईकार्ड और यूनिफॉर्म हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुशासन की दिशा में पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल को सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उन्होंने राज्य में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस प्रकार की पहलें नागरिकों के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करती हैं।

समाज पर सकारात्मक प्रभाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल राज्य में सामाजिक सुधार के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में परिवहन व्यवस्था को सुधारने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाए गए ये कदम समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। इससे न केवल सड़कों पर दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि लोगों का जीवन भी अधिक सुरक्षित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से यह स्पष्ट है कि वह राज्य में सुशासन, पारदर्शिता, और नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।

इस प्रकार की पहलें न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि पूरे देश में सुशासन और विकास के नए मानदंड स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल एक प्रेरणा स्रोत के रूप में देखी जा रही है, जिससे अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके।

मुख्यमंत्री की इस दिशा में की गई पहलें राज्य में सामाजिक और आर्थिक विकास को नए आयाम दे रही हैं। परिवहन विभाग में सुधार के इस कदम से राज्य में न केवल बेहतर यातायात व्यवस्था होगी, बल्कि नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं भी मिलेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि उनका लक्ष्य राज्य को सुशासन और विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।