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इंदौर समाचार: छात्रों की उत्तरपुस्तिका का सफल डिजिटल मूल्यांकन शुरू होगा, सॉफ्टवेयर को सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण

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पर प्रकाश डाला गया

  1. टीसीएस ने यूनिवर्सिटी में दिया प्रेजेंटेशन
  2. आकलन पुरानी व्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहा है
  3. उत्तर पुस्तिकाओं होगा स्कैन के लिए ऑनलाइन मूल्यांकन

नईदुनिया प्रतिनिधि, प्रतिनिधि। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अपने स्कूलों के पुराने पारंपरिक आकलन की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। अब परीक्षा में विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका का ऑनलाइन मूल्यांकन करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कर ग्रिड के पास से जांच के लिए आवेदन किया जाएगा। साथ ही छात्रों के लिए भी उपलब्ध रहें।

विश्वविद्यालय और टी.टी.सी. के लिए नई व्यवस्था के बीच बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। कंपनी ने कुलगुर डॉ. यूनिवर्सिटी की ओर से अपना प्रेजेंटेशन दिया। रेनू जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी के सामने दिया गया है. कोटा कंपनी को इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाना होगा, जो एमपी ऑनलाइन के साथ काम करेगा। वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी जाएगी।

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ऑफ़लाइन मूल्यांकन को लेकर विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम वर्ष की उत्तर पुस्तिकाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीसीए, बीबीई, एनएम जैसे पाठ्यक्रम रखे गए हैं। तीन दिन पहले विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है।

अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की उत्तर पुस्तिका को सबसे पहले स्कैन किया जाएगा। प्रत्येक छात्र की कॉपियों को पीडीएफ प्रारूप में सारणीबद्ध किया जाएगा, जिसमें केवल मूल्यांकनकर्ता को सॉफ्टवेयर में संपादित करके शामिल किया जाएगा। उसके लिए भी सॉफ्टवेयर में लॉगइन करना जरूरी है।

चक्कर काटने से बचेगा समय

कपियों को स्कैन करने का एक लाभ छात्रों को भी मिलेगा। अभी रिजल्ट आने के बाद छात्र समीक्षा के लिए आवेदन करें। उसके बाद मूल्यांकन केंद्र में कॉपियां देखने को मिलती हैं। मैग स्कैन उत्तर पुस्तिका विश्वविद्यालय से विद्यार्थियों के ईमेल पर भेजी जा रही है। फिर छात्र अपनी रुचियां ई-मेल से प्रवेश करवाएं। इससे संबंधित छात्र- छात्रों का आकलन केंद्र आने तक का समय बचेगा।

चेहरे के बाद होगा लागिन

कम अंक मिलने पर कर्मचारियों से मूल्यांकन पर सवाल पूछे जाते हैं। कई बार परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। मगर नई व्यवस्था के बाद यह समस्या कम होगी। वैसे ही यूनिवर्सिटी ने सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखा है। कापियां जांचने से पहले आकलनकर्ता का अपना लॉगिन लॉगिन होगा, जिसमें फेस वेर असेसमेंट होगा। चेहरे के सामने ही कॉपियां नजर डालेंगी और आकलन शुरू करेंगी।

कुछ कोर्स की जंचेंगी कॉपियाँ

ऑनलाइन एस्टीमेट को ले जाना शुरू हो गया है। टिकटें इसके लिए सिस्टम बनाने में लगी हैं। शुरुआत में कुछ कोर्स की कॉपियां जांचने का काम किया जाएगा। ऑफ़लाइन मूल्यांकन को लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। व्यवस्था को नियुक्त किया गया। – डॉ. आशीष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवी