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टीएमसी ने सरकार से स्वास्थ्य, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का आग्रह किया


तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने शुक्रवार को सरकार से जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने का आग्रह किया। उनकी यह मांग ऐसे समय में आई है जब कई विपक्षी नेताओं ने वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वापस लेने के अनुरोध का समर्थन किया है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के तुरंत बाद बंदोपाध्याय ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीमा प्रीमियम पर कर लगाना “जनविरोधी” है।

कोलकाता उत्तर के सांसद ने कहा कि सरकार को इसे वापस लेना चाहिए और इस मांग का निचले सदन में विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने समर्थन किया। बंद्योपाध्याय ने कहा, “जीवन बीमा प्रीमियम और चिकित्सा बीमा पर लगाया गया 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लिया जाना चाहिए। यह जीएसटी जनविरोधी है, यह भारत के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।”

उन्होंने कहा, “इस प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए।”

भारत ब्लॉक पार्टियों टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने सदन से वॉकआउट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी एक्स पर पोस्ट करके मांग की कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर इस जीएसटी को वापस लिया जाना चाहिए, साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है तो वे आंदोलन करेंगी।

बनर्जी ने कहा, “भारत सरकार से हमारी मांग है कि लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के आधार पर जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम से जीएसटी वापस लिया जाए। यह जीएसटी खराब है क्योंकि यह लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।”