राजस्थान समाचार: सेलवीं राजस्थान विधान सभा के दूसरे सत्र में गुरुवार साय से शुक्रवार दो बजे तक सदन में आए बार- गतिरोध को अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चमत्कारिक ढंग से समाप्त कर दिया। राष्ट्रपति ने प्रतिपक्षी सदनों के बाहरी पदाधिकारियों पर व्यक्तिगत सहयोगियों को रखा, जिसमें कहा गया है कि सदन की रिपोर्ट से पता चला है कि उनके पद पर हमेशा के लिए पद पर बने रहना है। सदन में पक्ष और विपक्ष के सभी दलों ने अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त किया।
राष्ट्रपति वासुदेव देवनानी से विरोधी नेता और सदन के अन्य वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री मिले। देवनानी ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं से एक-दूसरे के उद्बोधनों में से एक-दूसरे को अलग करने का प्रस्ताव रखा। देवनानी ने बोथ शायरी को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अवलतान अगुआ, नेता प्रतिपक्ष टिप्पणीराम जूली और सहयोगी आमिर चौधरी के गुरुवार को दिए गए उद्बोधनों में से असंसदीय, पुष्टि और अमर्यादित भाषणों को स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए।
राष्ट्रपति देवनानी ने कहा कि यह सदन है। प्रदेश की जनता का पवित्र स्थल है। यहां की अपनी गरिमा है, परंपराएं हैं, प्रतिबंध हैं, जिनका पालन करना सभी सदस्यों का दायित्व है। सदन में व्यवहार कैसा हो, इसके लिए सभी सदस्यों को राजस्थान विधान सभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमों के नियम 269 का अध्ययन करना होगा और उन सिद्धांतों को अपने व्यवहार में भी लाना होगा।
इससे पहले विरोधी नेता टीकाराम जूली ने कहा था कि वे नहीं चाहते कि आसन का किसी प्रकार का अपमान हो। आसन पर आक्षेप की भी उनकी कोई व्यवस्था नहीं थी। विपक्ष को सदन में राष्ट्रपति से ही संरक्षण की उम्मीद रहती है। जूली ने कहा कि उनकी बात से लेकर आसन की भावना तक किसी भी प्रकार की थी, तो वह माफ करना चाहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए वासुदेव देवनानी के नाम की घोषणा पक्ष और विपक्ष के सभी दलों ने एक स्वर में देवनानी को बताने वाले व्यक्ति बताए थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति आज तक अपनी सुरक्षा बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से भविष्य में भी सुरक्षा प्रदान करने की अपेक्षा की।