राजस्थान समाचार: कोविड के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के खतरे बढ़ रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में डीडवाना से विधायक यूनुस खान ने हार्टअटैक की घटनाओं में हुई गड़बड़ी से संबंधित सवाल पूछा।
उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह सही है कि कोरोना के बाद वर्ष 2020 से अब तक हृदयाघात से होने वाली मृत्यु के मामले में वृद्धि हुई है? यदि हां, तो सरकार द्वारा इन मुद्दों के संबंध में कोई खुलासा किया गया है? यदि हां, तो विवरण घर की मेज पर रखें। उन्होंने आगे पूछा कि क्या कोरोना काल के बाद मौत में साइलेंट हार्ट अटैक इसका कारण बन रहा है?
साथ ही उन्होंने सवाल किया कि हार्ट अटैक के मामलों में कोरोना की टीकाकरण या सूप डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या कितनी और कुल मौतों का कितना प्रतिशत है? हालांकि सरकार ने इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया, लेकिन सरकार ने माना कि हार्ट अटैक के मामलों में सामान्य वृद्धि हुई है और राज्य सरकार द्वारा इसका कोई मामला नहीं उठाया गया है।
बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 के बाद दिल के दौरे में 14% तक की गिरावट हुई है। वह 30 से 40 साल के युवा ही इसका शिकार हो रहे हैं। आपको बता दें कि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ प्रभाव हो सकता है। वैक्सीन निर्माता ने कहा था कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में एक ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है, जिससे खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की मात्रा कम हो सकती है। इससे हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
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