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आईएनडीआईए ने लिया कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला

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लोकसभा के पहले कार्यदिवस के हंगामेदार रहने के आसार हैं। नीट परीक्षा में हुई धांधली को लेकर विपक्ष आज एनडीए सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करेगा। आइएनडीआइए ने लोकसभा में नीट पेपर लीक धांधली मामले में दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। पहले दिन से ही सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हो सकती है।

18वीं लोकसभा के पहले कार्य दिवस के दिन मेडिकल की नीट परीक्षा में हुई गंभीर धांधली के मुद्दे पर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच शुक्रवार को तीखी तकरार के आसार हैं। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने एकजुट होकर लोकसभा में नीट पेपर लीक धांधली मामले में दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

नीट पेपर लीक की घटनाएं बेहद गंभीर: विपक्ष

राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में दोनों सदनों में सभी विपक्षी दलों के नेताओं की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। विपक्षी नेताओं ने एक सुर से बैठक में यह राय जाहिर कि नीट और पेपर लीक की घटनाएं बेहद गंभीर हैं जो देश के लाखों युवाओं के भविष्य को दांव पर लगा रही हैं। ऐसे में सबसे पहले लोकसभा में इसे उठाते हुए सरकार की विफलता को उजागर किया जाए।

नीट के अलावा कई मुद्दों को उठाएगा विपक्ष

नीट के अलावा सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, राज्यों के वित्तीय अधिकारों के साथ संघीय ढांचे पर चोट, राजनीतिक बदले के लिए सीबीआइ-ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग जैसे छह अन्य विषयों को भी विपक्ष एकजुट होकर उठाएगा।

विपक्ष ने नीट पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के सरकारी आवास पर हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में मौजूद लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नीट मामले में सरकार को बचकर नहीं निकलने दिया जा सकता, क्योंकि हमारे लाखों युवाओं के भविष्य का सवाल है।

द्रमुक, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ऑब्रायन से लेकर शिवसेना यूबीटी के संजय राउत समेत सभी दलों ने खरगे और राहुल की राय से सहमति जताते हुए एक सुर से दोनों सदनों में नीट पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया।

विपक्ष ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का रास्ता इसलिए अपनाया है, ताकि सरकार को सबसे पहले नीट पर चर्चा के लिए बाध्य किया जा सके। हालांकि, यह परंपरा है कि सबसे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होती है। ऐसे में चर्चा से पहले ही तकरार की पूरी संभावना है।