नीट परीक्षा रद्द होने के बाद से लगातार जांच चल रही है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी है। आठ जुलाई तक रिपोर्ट सौंपनी है। हालांकि इन सबके बीच 6 जुलाई से काउंसिलिंग भी शुरू होगी। अब ऐसे में विद्यार्थियों की चिंता बढ़ने लगी है कि क्या काउंसिलिंग करें या सीबीआई रिपोर्ट का इंतजार करें?
एक ओर जहां नीट 2024 की परीक्षा में गड़बड़ी की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ कर रही है वहीं दूसरी ओर जिन विद्यार्थियों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है उनकी चिंता भी बढ़ने लगी है। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं जांच के बाद परीक्षा को रद न कर दिया जाए, जबकि 6 जुलाई से काउंसिलिंग भी शुरु होगी और 8 जुलाई तक सीबीआइ को अपनी रिपोर्ट भी सुपुर्द करनी है।
लिहाजा, यह बड़ा रोचक क्षण साबित हाेगा कि दो दिन पूर्व या तो सरकार काउंसिलिंग कराए या फिर 8 जुलाई को सीबीआइ की रिपोर्ट का इंतजार करे। इन परिस्थिति में अभ्यर्थियों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं परीक्षा रद हो गई तो सब बेकार साबित हो जाएगा। नए सिरे से तैयारी करनी होगी। हालांकि, वैसे अभ्यर्थी जिनकी परीक्षा बेहतर नहीं गई या फिर जो पास नहीं हो पाए उनके लिए यह नया अवसर साबित होगा।
5 मई को आयोजित की गई थी नीट परीक्षा
बता दें कि नीट परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। इसी दौरान कई अभ्यर्थियों ने इंटरनेट मीडिया पर पेपर लीक की शिकायत की थी। एनटीए ने इन शिकायतों की जांच की और सही पाया। फिलहाल मामले की जांच चल रही है और मेडिकल की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों का कहना है कि यह देश के भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। भविष्य में अगर लोगों को सही डाक्टर और इलाज न मिला तो उनकी जान को खतरा बना रहेगा।
छात्रों ने कहा कि एनटीए के फैसले से उनका भविष्य भी खतरे में है। छात्रों ने कहा कि वे कई महीने से मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों और उनके माता-पिता के लिए यह एक कठिन समय है। दोबारा परीक्षा लिए जाने का निर्णय कुछ ऐसे छात्र जिनकी मुकम्मल तैयारी नहीं हो पाई थी उनके लिए यह परीक्षा रामबाण साबित हो सकती है। वहीं दूसरी ओर, यह परीक्षा कुछ छात्रों के लिए एक नई चुनौती और दबाव बनकर सामने आएगी। अब देखना होगा कि छात्र इस नए अवसर और चुनौती का सामना कैसे करेंगे।