FMCG सेक्टर की वैल्यू अब 9.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। भारत की आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार पैदा करने में भी इसकी भूमिका काफी अहम है। FMCG के लिए ऑनलाइन माध्यम से भी बिक्री बढ़ रही है। इसका मूल्य 1.7 लाख करोड़ रुपये है। डी2सी यानी डायरेक्ट टु कंज्यूमर में तेज ग्रोथ बताती है कि उपभोक्ताओं की खरीदारी का तरीका भी बदल रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पैकेज्ड फूड से लेकर पर्सनल केयर प्रोडक्ट वाले फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर की ग्रोथ इस साल अच्छी रहने की उम्मीद है। इसकी सबसे बड़ी सरकारी नीतियां हैं, जिनसे उपभोग बढ़ रहा है, साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2024 में FMCG सेक्टर की ग्रोथ 7-9 प्रतिशत रह सकती है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई है कि FMCG सेक्टर को मुद्रास्फीति दबाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कंज्यूमर कॉन्फिडेंस भी कमजोर है। इसका मतलब कि उपभोक्ता गैरजरूरी सामानों पर खर्च करने से बच सकते हैं। लेकिन, फिर भी FMCG सेक्टर अच्छी ग्रोथ कर सकता है, क्योंकि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा रही है। इससे लोगों के हाथ में पैसे आने की उम्मीद है।
FMCG सेक्टर की वैल्यू अब 9.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। भारत की आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार पैदा करने में भी इसकी भूमिका काफी अहम है। FMCG के लिए ऑनलाइन माध्यम से भी बिक्री बढ़ रही है। इसका मूल्य 1.7 लाख करोड़ रुपये है। डी2सी यानी डायरेक्ट टु कंज्यूमर में तेज ग्रोथ बताती है कि उपभोक्ताओं की खरीदारी का तरीका किस कदर बदल रहा है।
कोरोना महामारी के बाद FMCG इंडस्ट्री संघर्ष कर रही थी। खासकर, ग्रामीण क्षेत्र की डिमांड कई तिमाहियों तक लगातार गिरी थी, क्योंकि कोविड से रोजगार को कड़ी चोट पहुंची थी और लोगों ने खर्च काफी कम कर दिया था। हालांकि, अब स्थिति काफी हद तक सुधर गई है। 2023 की दूसरी छमाही में वॉल्यूम और मूल्य वृद्धि में उल्लेखनीय उछाल देखा।
गति शक्ति और अमृत काल विजन 2047 जैसी प्रमुख सरकारी पहलों ने FMCG क्षेत्र की नींव को मजबूत करने और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी वजह से “एफएमसीजी क्षेत्र के लिए जोखिम सूचकांक 68 से घटकर 66 हो गया”। अगर मानसून अच्छा रहता है, तो एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ और बेहतर रह सकती है।