प्रदेश के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने आज वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुपालन को लेकर श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस कार्यशाला में सभी जिलों से उपायुक्त और डीएफओ भी शामिल हुए। अपने संबोधन के दौरान सीएम ने कहा कि उपायुक्तों को वनपट्टा के हजारों हजार आवेदन रद्द होने का जवाब देना होगा।
मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा है कि वनपट्टा के हजारों हजार आवेदन रद्द होने का जवाब उपायुक्तों को देना होगा। यदि सही निर्णय लेते हुए या अनजाने में आवेदन रद्द हुए हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन यदि किसी उपायुक्त ने कोई आवेदन जानबूझकर रद किया है तो राज्य सरकार उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री आज वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अनुपालन को लेकर श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में सभी जिलों से उपायुक्त एवं डीएफओ सम्मिलित हुए।
वनवासियों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं चलेगा: चम्पाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों को अधिकार देने के इस अभियान को सफल बनाना होगा। उनके साथ सौतेला व्यवहार नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी 400- 500 वर्षों से जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी लड़ाई का एक उदाहरण गुवा गोली कांड है।
आदिवासी अपनी अस्मिता को बचाने कभी पीछे नहीं हटता। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को डीएफओ के साथ मिलकर आदिवासियों को वनपट्टा देने के निर्देश दिए l उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में लैंड बैंक के नाम से आदिवासियों के साथ धोखा हुआ।
‘अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी’
उन्होंने वनाधिकार देने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी जोर दिया, ताकि डेढ़ माह में सभी को वनपट्टा देने में सफलता मिले। इससे पहले कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि वनवासियों को उनके अधिकार देने से डायन प्रथा, नक्सलवाद एवं अन्य सामाजिक कुरीतियों पर भी रोक लगेगी। इस मौके पर मुख्य सचिव एल खियांगते ने उपायुक्तो को ग्रामसभा की बैठकों में सम्मिलित होने और वहां के अनुभव को लेकर निर्णय लेने का सुझाव दिया।