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वित्तमंत्री ने एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन के विकास के लिए आर्थिक सहायता का किया आग्रह

बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री श्री ओपी चौधरी ने राज्यों को विशेष सहायता की राशि, स्टेट कैपिटल रीजन के विकास व राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार सहित राज्यहित के कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव व सुझाव रखे। दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित बजट पूर्व बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी के साथ ही अन्य राज्यों के वित्तमंत्री उपस्थित रहे।

राज्यहित के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए वित्तमंत्री श्री ओपी चौधरी ने कहा केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को पूंजीगत निवेश हेतु विशेष सहायता के रूप में वर्ष 2020-21 से 50 वर्षों के लिये ब्याज रहित ऋण राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अंतरिम बजट 2024-25 में इस योजना के लिये गत वर्ष के समान ही 1,30,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, किन्तु पार्ट-1 अंतर्गत गत वर्ष के प्रावधान 1 लाख करोड़ को कम करते हुए 55,000 करोड़ ही रखा गया है। उन्होंने इस योजना के लिए पूर्व की तरह राशि के प्रावधान का अनुरोध किया।

बैठक में स्टेट कैपिटल रीजन के विकास के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत बताते हुए श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर अटल नगर को देश के सबसे सुनियोजित एवं ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य के सीमित संसाधनों से सड़क, पेयजल, विद्युत सुविधा, आवास तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया गया है, किन्तु नई राजधानी को रायपुर तथा दुर्ग-भिलाई के साथ मिलाकर एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में आधुनिक नगरीय सुविधाओं के साथ विकसित किया जाना है। उन्होंने इसे सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, बैंकिंग और ग्रीन एनर्जी के हब के रूप में विकसित करने के लिए बजट में पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की।

वित्तमंत्री श्री चौधरी ने डीएमएफ के नए नियमों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए डीएमएफ (जिला खनिज निधि) नियमों के अनुसार, डीएमएफ का उपयोग केवल खदान क्षेत्र के 15 किमी के भीतर या खदान से 25 किमी तक की दूरी पर रहने वाले लोगों पर ही किया जा सकता है। पहले के नियमों के तहत, डीएमएफ का 75% तक धनराशि उसी जिले में खर्च की जा सकती थी जिसमें खदान स्थित है, जबकि शेष 25% धनराशि पास के जिलों में भी खर्च की जा सकती थी। छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में कई नए जिलों का गठन हुआ है, जिससे आसपास के जिलों में विकास कार्यों के लिए डीएमएफ के धन को मिलाकर आवश्यकता के आधार पर खर्च करने की अधिक जरूरत है। लेकिन नए डीएमएफ नियम इस पर प्रतिबंध लगाते हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने सुझावों पर सकारात्मक विचार करते हुये राज्य के विकास और जन कल्याणकारी कार्यों के लिए अधिक आर्थिक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री के साथ वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल भी शामिल रहे।