पंजाब में अबाध वीआईपी लोगों को मुफ्त पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी। उत्साहित, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने बोलने वालों को दी जाने वाली सुरक्षा के नियमों में बदलाव कर दिया है। इस संबंध में पंजाब सरकार की ओर से नई एसओपीआइ (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी की गई है। बताया जा रहा है कि नई एसोपीआइ 1 जुलाई से लागू होगी।
सुनवाई के दौरान पंजाब के डीजीपी ने कोर्ट को एसओपी दिखायी है। डीजीपी ने हाई कोर्ट को बताया कि जिन लोगों की आय 3 लाख से अधिक है और जिनकी संपत्ति 3 करोड़ से अधिक है, उन्हें पुलिस सुरक्षा के बदले हर महीने सरकार को भुगतान करना होगा। यह भी बताया जा रहा है कि नई एसोपीआइ धार्मिक ग्रंथ, उनके नेता, राजनेता जोकि सार्वजनिक पदों पर नहीं हैं, उद्योग और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों पर लागू होगी लेकिन वरिष्ठ अधिकारी, मंत्रिमंडल, मुद्दे, न्यायाधीश, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रमुखों को। इससे छूट दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई है कि पंजाब में 900 लोगों को पुलिस सुरक्षा दी गई है। केवल 39 लोगों को सुरक्षा के बदले सरकार को पैसा देते हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सुरक्षा वाले इंसान के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड को भी देखा जाएगा और जो लोग नफरत फैलाने वाले भाषण, घृणा फैलाने वाले भाषण, जाति और समुदाय के आधार पर लोगों के बीच नफरत फैलाने के अपराध हैं, उनकी सुरक्षा वापस ली जा सकती है। है और साथ ही साथ शुल्क की जा सकती है।