लेखिका अरुंधति रॉय मामले में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अरुंधति रॉय ने जो भी कुछ कहा है वो पूरी तरह से गलत है। मगर सरकार पिछले 10 साल से इस मुद्दे पर चुप क्यों थीं?
लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम की धारा 45 (1) के तहत मुकदमा चलेगा। इस मामले में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अरुंधति रॉय के बयान को गलत बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। मगर उन्होंने इस कार्रवाई पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
उन्होंने जो कुछ भी कहा है… वह पूरी तरह से गलत है। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। अगर कोई इस मामले में दरार डालना चाहेगा तो हम उसका विरोध करेंगे। मगर सवाल ये है कि मामला 2010 का है और पिछले 10 सालों से केंद्र में मोदी की सरकार है। वे इस मुद्दे पर अब तक चुप क्यों थे? 10 साल बाद जब बहुमत वाली सरकार नहीं बनी तब यह फैसला राजनीतिक लगता है।
क्या है मामला?
लेखिका अरुंधति रॉय और पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ जिस मामले में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, वह 21 अक्टूबर 2010 का है। इस दिन कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में ‘आजादी- द ओनली वे’ के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित रूप से भड़काऊ और देश विरोधी भाषण देने का आरोप है। सम्मेलन में सैयद अली शाह गिलानी भी शामिल हुए थे।