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MRP से ज्यादा रेट पर शराब बेचने वालों की खैर नहीं, घूसखोर अधिकारियों पर भी होगा एक्शन

झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेद विभाग के सचिव ने राज्य में अवैध शराब निर्माण एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेचने वालों के खिलाफ एक्शन के लिए पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि शराब बिक्री में अनियमितता और कनीय अफसरों की संलिप्तता मिलने पर उनका निलंबन तय है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाएगी।

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में गुरुवार को विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने विभाग में तैनात राज्य के सभी इंस्पेक्टर, दारोगा व जमादार के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री में कहीं भी अनियमितता में कनीय अफसरों की संलिप्तता अगर मिली तो उनका निलंबन तय है। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।

सचिव आइएएस मुकेश कुमार ने कहा कि राज्य में कहीं भी अवैध शराब बनाई जा रही हो या फिर मिलावटी शराब तैयार की जा रही हो, उसे हर हाल में रोका जाए। साथ ही, ऐसा काम करने वालों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाए।उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि दूसरे राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा व पश्चिम बंगाल आदि से झारखंड में अवैध तरीके से हो रही शराब की तस्करी रोकना प्राथमिकता है। अपने गोपनीय सूत्रों को सक्रिय करें, राज्य की सीमा पर चौकसी बढ़ाएं, इस तस्करी में शामिल तस्करों के विरुद्ध नियम सम्मत कार्रवाई करें।

MRP से अधिक कीमत पर शराब बिक्री पर हुए नाराज

राज्य में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री की शिकायत पर उत्पाद सचिव नाराज रहे। उन्होंने इसपर कड़ा रूख अपनाया और कहा कि इसे हर हाल में रोकें। अगर पता चला कि इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है तो वैसे अधिकारी निलंबित होंगे और उनके विरुद्ध बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।

राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी जिलों को जो लक्ष्य दिया गया है, वह तभी पूरा होगा, जब राज्य में दूसरे राज्यों से अवैध तरीके से व मिलावटी शराब की तस्करी रोकी जाएगी। सचिव ने राज्य सरकार से आए दिन जारी होने वाले आदेश-निर्देश का अनुपालन कराते रहने को कहा है।

चुनाव के चलते लक्ष्य से दस करोड़ पीछे रहा राजस्व

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल व मई महीने में उत्पाद विभाग का राज्य में 415 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। विभाग ने दो महीने की इस अल्प अवधि में 405 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य पूरा कर लिया है।अधिकारियों की मानें तो, यह दो महीना चुनाव का रहा, जिसके चलते दुकानें बंद भी रहीं। दुकानें हर दिन खुली रहतीं तो राजस्व लक्ष्य पूरा हो गया होता। चुनाव के चलते ही लक्ष्य से दस करोड़ का राजस्व कम आया है।