पिछले 10 दिनों में पकड़ाए 476 नशे के सौदेबाज, 34 करो

राजस्थान समाचार: प्रदेश में नशाखोरी पर प्रभावी नियंत्रण एवं नशामुलन के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देशन में 15 मई से संचालित विशेष अभियान में सभी जवानों में प्रभावी कार्रवाई करते हुए बड़ी संख्या में मादक पदार्थों की सप्लाई करते हुए इनके तस्करी से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधीक्षक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत अब तक प्रदेशभर में 445 मामलों में 476 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 34.97 करोड़ रुपये के मादक पदार्थों को जब्त किया गया है, जिसमें मादक पदार्थों के उद्गम स्रोत पर भी कार्रवाई की गई है। की गई है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में 14.55 लाख किलोग्राम डोडा पोस्त, 1411 किलोग्राम डोडा, 197 किलोग्राम गांजा, 31 किलोग्राम गांजे के पौधे, 36 किलोग्राम अफीम, 9.7 किलोग्राम स्मैक, 3 किलोग्राम अफीम का दूध एवं 2.5 किलोग्राम हेरोइन सहित 7.96 किलोग्राम अन्य शामिल हैं। साइकोट्रॉफिक उत्पादों की चोरी की जा चुकी है।

डीजीपी ने बताया कि नशाखोरी एक बेहद जटिल समस्या है, जिससे प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। नशे की लत से लोगों के निजी जीवन में अवसाद जैसी पारिवारिक समस्याएं पैदा होती हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में राजस्थान पुलिस द्वारा प्रदेश में नशाखोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत जयपुर और जोधपुर के पुलिस अधीक्षकों के अलावा जीआरपी अजमेर एवं जोधपुर सहित समस्त जवानों के पुलिस अधीक्षकों को उनके क्षेत्र में संचालित विद्यालय, महाविद्यालय या छात्रावासों के निकट स्थित डेरी बूथ, पान की दुकान या चाय की ठंडी आदि पर मादक पदार्थों के लिए तैनात किया गया है। विक्रय पर भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे ऐसे स्थानों पर इनकी बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इन पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार में बीट कांस्टेबल, बीट पुलिस एवं थानाधिकारियों की इस अभियान में जिम्मेदारी तय करते हुए धरातल पर ठोस एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

डीजीपी ने बताया कि इस अभियान के तहत जवानों में मादक पदार्थों की तस्करी के परिवहन एवं आपूर्ति के आदतों के बारे में लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही रूपरेखा दुकान, आवास एवं भंडारण की तलाशी भी ली जा रही है।

डीजीपी साहू ने बताया कि इसके अलावा अभियान में मादक पदार्थों के परिवहन, तस्करी एवं आपूर्ति से जुड़े पूर्व के मामलों में स्थापित अपराधियों एवं गिरफ्तार आतंकवादियों की धरपकड़ भी की जा रही है। वहीं पुलिस अधिकारियों को मादक पदार्थों की तस्करी के सरगनाओं का आपराधिक डोजियर तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं, इसके तहत उनके खिलाफ दर्ज सभी प्रकरणों, अपराध से अलग संपत्ति, अनोखे प्रकरणों एवं इन प्रकरणों में पेशी की तारीख जैसी महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया गया है। जा रहा है।

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