रांची। झारखंड (Jharkhand) के टेंडर कमीशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) की और पांच दिन की रिमांड मिल गई है। इससे पहले गिरफ्तारी के बाद ईडी को उनसे पूछताछ के लिए छह दिन की रिमांड मिली थी। बुधवार को इसकी अवधि पूरी होने के बाद मंत्री को कड़ी सुरक्षा के बीच रांची की विशेष पीएमएलए कोर्ट (स्पेशल पीएमएलए कोर्ट) में पेश किया गया। आलमगीर आलम ईडी रिमांड
ईडी का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक शिव कुमार (Shiv Kumar) खैर काका (KAKA) ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए और सात दिन की रिमांड का अनुरोध किया था, जिसका आदर्श मंत्री के वकील ने विरोध किया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने पांच दिन के लिए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। ईडी ने अपने पीएस संजीव लाल के पैसे से 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी के मामले में मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई की शाम गिरफ्तार किया था।
इससे पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। इस मामले में मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल (Sanjeev Kumar Lal) और उनके नौकर जहांगीर आलम को 7 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों को 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को मंगलवार को अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण विकास विभाग) में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी और मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने उदाहरण के तौर पर जनवरी महीने में 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने कथित सभी 25 टेंडर में कमीशन के तौर पर 1.23 करोड़ रुपये जमा किए हैं। रुपये के लिए थे।
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