सरकारी ऐप्स के कारण हमारे बहुत से काम आसान हो गए हैं। ऐसे कई सारे आइडिया हैं जो घर बैठे ही ऑफलाइन ऐप्स के जरिए मिल जाते हैं, लेकिन कई बार गूगल प्ले स्टोर से हम फर्जी ऐप भी डाउनलोड कर लेते हैं, चक्कर में बैठे-बैठे अपना नुकसान करवा लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे नकली एप्स हैं जो सरकार द्वारा जारी किए गए एप्स की तरह दिखते हैं, लेकिन होते नहीं हैं। इसी समस्या का समाधान करने के लिए गूगल ने 14 अलग-अलग देशों के साथ काम किया है, जिसमें भारत सरकार भी शामिल है।
नए बदलावों के साथ Google की कोशिश स्कैम्स से उपभोक्ताओं को छूट और आधिकारिक ऐप्स की जिम्मेदारी की जाएगी। नए बदलावों वाले उपभोक्ताओं को Google Play Store पर देखा जा रहा है और उपभोक्ताओं के आधिकारिक ऐप्स के बारे में स्क्रीन पर नए नोटिफिकेशन दिखाए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को बताया जा रहा है कि ये ऐप ऑफिशियल हैं और सरकार से जुड़े हुए हैं।
गुगल ने कहा कि वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में 2,000 से अधिक ऐप्स ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, इंडोनेशिया, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में नए बाजार वाले हैं। भारत में नए बजाज ऐप्स जैसे कि डिजिलॉकर, एमआधार, नेक्स्टजेन एमपरिवहन, वोटर हेल्पलाइन पर दिखाई देते हैं।
ऐसा दिख रहा है बज
अगर आप गूगल प्ले स्टोर से कोई सरकारी ऐप क्रिएट करते हैं तो आपके सामने वेरि पार्टिस ऐप इज एफिलिएटेड वीडियो एक सरकारी ऐप है यानी ये ऐप सरकारी है और आप इसे प्ले कर सकते हैं। अगर ऐसा मार्क नहीं आ रहा है तो समझ लें कि ऐप फर्जी है।
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