रांची में 3211 करोड़ की लागत से बनेगा शहर का सीवरेज सिस्टम, 2057 की पाॅपुलेशन को ध्‍यान में रखकर तैयार प्रोजेक्‍ट

रांची में 3211 करोड़ की लागत से सीवरेज सिस्टम बनने का काम जल्‍द शुरू होगा। इस परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के सहयोग से पूरा किया जाएगा। इसके तहत शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। इस परियोजना को साल 2057 की जनसंख्या को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। शहर को साफ रखने के लिए सीवरेज सिस्‍टम जरूरी है।

21 Feb 2024

रांची : रांची शहर का सीवरेज सिस्टम 3211 करोड़ की लागत से बनेगा। राजधानी को चार जोन में बांटकर इस परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के सहयोग से पूरा किया जाएगा। इस परियोजना को साल 2057 की जनसंख्या को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। मंगलवार को नगर निगम सभागार में स्टेकहोल्डर्स की बैठक में एनजेएस एजेंसी ने रांची शहर के लिए सीवरेज सिस्टम एंड सिटी वाइड इन्क्लुसिव सैनिटेशन (सीडब्ल्यूआइएस) पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह जानकारी दी।

शहर को साफ रखने के लिए सीवरेज सिस्‍टम जरूरी

इस दौरान बताया गया कि राजधानी को स्वच्छ रखने के लिए सीवरेज सिस्टम का लागू होना जरूरी है। नगर निगम के सहयोग से इस कार्य के लिए जुडको की ओर से क्रियान्वयन शुरू किया गया है। परामर्शी कंपनी एनजेएस ने डीपीआर तैयार किया है। डीपीआर के अनुसार, रांची शहर में 1945.41 किलोमीटर क्षेत्र में सीवरलाइन बिछाई जाएगी। सीवरेज सिस्टम पर कुल 3210.43 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परामर्शी एनजेएस की ओर से बताया गया कि सीवरेज सिस्टम के तहत रांची नगर निगम की ओर से पूर्व से ही नौ वार्डों में कार्य कराया जा रहा है। जोन-1 के शेष हिस्सों को मिलाकर अन्य तीन जोन में सीवरेज सिस्टम विकसित किए जाएंगे।

बनाए जाएंगे तीन नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

इस परियोजना के तहत तीन नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए जाएंगे। वर्तमान में शहर का गंदा पानी स्वर्णरेखा नदी होते हुए रुक्का डैम में जाता है। सीवरेज सिस्टम विकसित होने के बाद गंदा पानी साफ होकर रुक्का डैम में पहुंचेगा।इस परियोजना के पूरा होने के बाद भविष्य में पानी की आत्मनिर्भरता बढ़ जाएगी। रांची नगर निगम की ओर से जोन-1 में 280 किलोमीटर सीवरलाइन बिछाई जा रही है।इसके अलावा वार्ड-4 स्थित बड़गाईं-लेम में 37 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी कराया गया है। एसटीपी से गैस भी निकलेगी, जिससे ऊर्जा का उत्पादन होगा। सीवरेज सिस्टम विकसित होने के बाद पानी जनित रोग पर भी नियंत्रण होगा। भरम टोली, होटवार व हेथू में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे। वर्ष 2057 में रांची शहर की आबादी 30,25,792 हो जाने का अनुमान है, जबकि हाउसहोल्ड की संख्या 3,41,336 होगी।

यहां होगी सीवरेज सिस्टम के पाइपलाइन की क्राॅसिंग

वर्ष 2057 तक इस अनुमानित जनसंख्या के आधार पर 449.59 एमएलडी सीवेज निकलने की संभावना है। परियोजना के तहत नेशनल हाईवे पर 36, पथ निर्माण के मार्ग, रेलवे से संबंधित 10 स्थल, तीन आरओबी, 37 नदी-नाला व सात मीटर की गहराई पर कुल 52 स्थानों पर सीवरेज सिस्टम के पाइपलाइन की क्रासिंग होगी।स्टेक होल्डर्स की बैठक में एनजेएस के अधिकारी योगेश गोखले व मंदार पिपुलकर ने डीपीआर व सीवरेज सिस्टम की विस्तृत जानकारी दी। जुडको के परियोजना निदेशक (तकनीकी) गोपालजी ने परियोजना की आवश्यकता व लाभ की जानकारी दी। मौके पर पूर्व नगर विकास मंत्री सह वर्तमान विधायक सीपी सिंह, नगर निगम के प्रशासक अमीत कुमार, अपर प्रशासक कमलाकांत गुप्ता, उप प्रशासक रविन्द्र कुमार, अनवर हुसैन, जुडको के महाप्रबंधक एएस सेन गुप्ता व उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्र उपस्थित थे।

जोन वार इन प्रमुख क्षेत्रों को डीपीआर में शामिल किया गया

जोन-1 : वार्ड नंबर-1, 2, 3, 4, 5, 30, 31, 32 व 33 (मोरहाबादी, चिरौंदी, पंडरा, कांके, डुमरदगा, टैगोर हिल एरिया, रातू रोड, बजरा, बूटी मोड़)

जोन-2 : वार्ड नंबर-8, 9, 10, 11, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20 (लालपुर, वर्धमान कंपाउंड, अलबर्ट एक्का चैक, पुरुलिया रोड, कोकर, नामकुम)

जोन-3 : वार्ड नंबर-20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29 34, 35, 36, 37, 38, 41, 42, 43, 44, 45, 46, 47, 48, 49, 50 (पहाड़ी मंदिर, हरमू, अशोक नगर, हिनू, कडरू)

जोन-4 : वार्ड नंबर-37, 38, 39, 40, 50, 51, 52 व 53 (धुर्वा, एचईसी, हटिया, बिरसा चौक, हेसाग, तुपुदाना, जगन्नाथ मंदिर)

सीवरेज सिस्टम पर अनुमानित खर्च (करोड़ में)

जोन-1 : 182.36

जोन-2 : 100.41

जोन-3 : 1462.30

जोन-4 : 556.39

कुल : 3210.43

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