संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं प्राचीन पुस्तकें
भोपाल : बुधवार, जनवरी 31, 2024
प्रदेश में संस्कृत भाषा के विस्तार के लिये स्कूल शिक्षा विभाग के अतंर्गत संचालित महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है। संस्थान संस्कृत भाषा के अनुसंधान के लिये भी शोधार्थियों को हर संभव मदद दे रहा है। संस्थान में समेकित वेबसाइट https://www.mpssbhopal.org शुरू की गई है। संस्थान की वेबसाइट पर संस्कृत की 538 प्राचीन पुस्तकें, प्रश्न बैंक और पाठ्यक्रम सामग्री अपलोड की गई है। इसके साथ ही कक्षा एक की पाठ्य पुस्तकें एवं नवीन पाठ्यक्रम अनुसार गुजरात राज्य शाला पाठ्य-पुस्तक मंडलम से प्राप्त कक्षा 9वीं से 12वीं तक की प्राच्य संस्कृत विषयों की 22 पाठ्य-पुस्तकें वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं। कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं की 3 संदर्भ पुस्तकों का प्रायोगिक संस्करण पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध कराया गया है।
अधोसंरचना विकास
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान का नवीन भवन भोपाल के तुलसी नगर में 10 करोड़ 25 लाख रूपये की लागत से बनकर तैयार हो चुका है। भवन में सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही बालक आवासीय माध्यमिक संस्कृत विद्यालय डिंडोरी के भवन का रिनोवेशन कार्य पूरा कर लिया गया है। विद्यालय में कक्षा 6 से ऊपर की पढ़ाई संस्कृत माध्यम में कराई जा रही है। रतलाम जिले के पिपलोदा ब्लॉक के ग्राम सोहनगढ़ में करीब 3 हेक्टेयर भूमि विद्यालय के लिये प्राप्त की जा चुकी है। इसके साथ ही टीकमगढ़ में लगभग 3 हेक्टेयर भूमि संस्कृत विद्यालय भवन के निर्माण के लिये आरक्षित की जा चुकी है। प्रदेश का पहला राज्य स्तरीय शासकीय कन्या आवासीय संस्कृत विद्यालय भोपाल में संचालित हो रहा है। विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक की संस्कृत भाषा के साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है।
संस्कृत विद्यालय
प्रदेश में विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के माध्यम से अध्ययन कराने के लिये 40 शासकीय विद्यालय, 85 अशासकीय विद्यालय और 90 परम्परागत विद्यालय संचालित हो रहे हैं।