हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में 25 अहम प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। वहीं हेमंत कैबिनेट की बैठक में महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य में 50 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को पेंशन देने की मंजूरी दी गई है। वहीं 40 मध्य विद्यालयों को माध्यमिक उच्च विद्यालय में तब्दील करने का फैसला लिया गया है।
25 Jan 2024
रांची : राज्य कैबिनेट ने बुधवार को कई लोक लुभावन फैसलों पर मुहर लगाई। राज्य सरकार ने 11वीं जेपीएससी परीक्षा के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम उम्र सीमा में सात वर्षों की छूट दी है। अधिकतम उम्र की गणना एक अगस्त 2017 की तिथि से की जाएगी, जबकि न्यूनतम उम्र की गणना एक अगस्त 2014 की तिथि से होगी।इस प्रकार सभी को कम से कम सात वर्षों की छूट अवश्य मिलेगी। दूसरी तरफ सभी सरकारी कर्मियों के लिए होम लोन के नियमों में छूट दी गई है। अब 60 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी जमीन को बंधक रखे मिल सकेगा। यह व्यवस्था सभी वर्ग के कर्मियों के लिए होगी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में पूरे राज्य में 50 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन मिलेगा।
इसके पूर्व तक यह 60 वर्ष से अधिक के लोगों को ही मिलता था। राज्य सरकार के इस फैसले से पेंशन के लाभुकों की संख्या में लगभग 18 लाख की बढ़ोतरी होगी। सरकार के फैसले का असर सभी वर्ग की महिलाओं पर होगा जबकि एससी एवं एसटी वर्ग के पुरुषों को भी यह लाभ मिलेगा। सामान्य वर्ग के पुरुषों को यह लाभ नहीं मिलेगा।
140 मध्य विद्यालयों को अपग्रेड करने का फैसला
राज्य सरकार ने 140 मध्य विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय के रूप में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार सीआइडी के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट के गठन का स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। वित्त विभाग के आधा दर्जन अनियमित कर्मियों को नियमित कर दिया गया है। महिला बाल विकास विभाग के उस प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली है जिसके अनुसार गर्भवती महिलाओं को मातृ किट का वितरण होना है। एक किट पर लगभग 15 सौ रुपये का खर्च आएगा और लगभग छह लाख महिलाओं को किट दिया जाएगा।ॉ
पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद बने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। यह आयोग नगर निकायों के चुनाव के लिए आवश्यक ट्रिपल टेस्ट को पूण कराएगा ताकि चुनावों में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण निर्धारित करते हुए उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जा सके। पूर्व में ही कैबिनेट की बैठक में आयोग को इस कार्य के लिए अधिकृत कर दिया गया था। वे तीन वर्ष तक इस पद पर रहेंगे।