1989 में शिला यात्रा के दौरान गंवाए थे अपने पैर, आज रामलला के आने की खुशी में छलके आंसू , ऐसी है झरिया के नरेश की कहानी

अयोध्‍या में श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर झरिया में भव्‍य शोभा यात्रा निकाली गई थी। यात्रा में दिव्यांग नरेश अग्रवाल व्हील चेयर के साथ शामिल थे। 1989 की शीला यात्रा के दौरान एक दुर्घटना में नरेश पैरों से लाचार हो गए। इस दुर्घटना के कारण उनके दोनों पैर काम करना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों लाखों कार सेवकों की मेहनत और संघर्ष पूरा हुआ।

22 Jan 2024

झरिया : अदभुत, अलौकिक और कभी न भुलनेवाला नज़ारा। सैकड़ों हाथों में भगवान श्रीराम के निशान, सभी के मुख में जय श्रीराम के नारे, नाचते-झूमते लोग, ढोल-बाजे की धुन, श्रीराम व हनुमान का रूप धारण किये बच्चे, दिव्यांग जन, महिलाएं, पुरुष यानी हर वर्ग। यह दृश्य है अयोध्‍या में हो रहे श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर झरिया में निकाली गई भव्य भगवान श्रीराम निशान शोभा यात्रा का।

यात्रा में दिव्‍यांग नरेश भी शामिल

यात्रा में दिव्यांग नरेश अग्रवाल व्हील चेयर के साथ शामिल थे, लेकिन उनके चेहरे पर राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह साफ झलक रहा था। इसी तरह से शौर्या गुप्ता नामक एक छोटी बच्ची श्रीराम का बाल रूप धारण कर हाथ मे तीर धनुष लिए हुए इस शोभा यात्रा में शामिल हुई। वहीं दर्ज़नो बच्चे राम भक्त हनुमान का मुखौटा लगाए हुए जय श्री राम का नारा लगा रहे थे।

पहले नहीं थे दिव्यांग

इधर नरेश अग्रवाल ने बताया कि नौ नवंबर 1989 को अयोध्या में शीला स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। इससे पहले पूरे देश में एकात्मता यात्रा निकाली गई थी।इस दौरान देश भर के गांव व शहरों से एक एक शीला अयोध्या भेजने के लिए यात्राएं निकली जा रही थी। इसी कड़ी में एम शीला यात्रा का आयोजन धनबाद जिले में किया गया था। नरेश अग्रवाल भी इसमें शामिल हुए थे।इस यात्रा के दौरान धनसार में हुई एक सड़क दुर्घटना में उनके पैरों में चोट लगी। दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना के कारण उनके दोनों पैर काम करना बंद कर दिया।उन्होंने कहा कि उस वक़्त बहुत तकलीफ हुई थी, लेकिन आज जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा होगया और रामलला विराजमान हो गए हैं तब उन्हें वो सारे दुख दर्द याद नही रहे। बस भगवान के राम के आने की खुशी है। यही कारण है कि वे लाचार हिये हुए भी इस निशान शोभा यात्रा में शामिल होने से अपने आप को रोके नही पाए। उन्होंने कहा कि करोड़ों लाखों कार सेवकों की मेहनत और संघर्ष पूरा हुआ है।

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use