डॉक्टर के अलगाव के बाद सिविल सर्जन का अपहरण: इलाज के पहले शपथ पत्र का जारी आदेश, जानें क्या है मामला

अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले के कुशा भाऊ टेकर जिला अस्पताल के सिविल सर्जनों ने एक अजीब गरीब बच्चा जारी किया है। अस्पताल में इलाज कराने आएं मरीज़/कैस्टल को इलाज के पहले शपथपत्र देना होगा कि इलाज के नाम पर किसी को कोई पैसा नहीं दिया गया है। इस भाग का विरोध करने पर उन्होंने इसे वापस लेने का आदेश दिया।

जिला अस्पताल में अभी हाल ही में इलाज के नाम पर अन्य पीड़ितों के अलावा जयपुर क्षेत्र के भाजपा नेता जयसिंह मरावी के ड्राइवर से डॉक्टर की मांग की गई थी। वैशिष्ट्य का सिद्धांत डॉक्टर द्वारा पेनी द्वारा पुनः प्राप्त किया गया था। डॉक्टर की मांग का मामला सामने आने के बाद डॉक्टर अपूर्व पांडे को जेल से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने एक मुकदमा जारी किया, जिसमें लिखा था कि किसी मरीज का इलाज करने से पहले या उसके निष्कासन से इलाज किया जाए। शपथपत्र में कहा गया है कि इलाज के नाम पर किसी को कोई पैसा नहीं दिया जाएगा।

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सिविल इंजीनियरिंग के उपकरणों को लेकर साइंटिस्टो ने साइंटिस्ट स्टेज को अपने कब्जे में ले लिया। बच्चे की चर्चा भोपाल तक एक हो गया पर उसने फैसला वापस ले लिया। सिवली के सर्जन परिहार ने कहा कि अस्पताल में ईसाइयों द्वारा इस काम को रोकने के लिए उन्होंने एक प्रयोग के रूप में पत्र जारी किया था, जिसमें लोगों के पास कोई शपथ पत्र नहीं था, बल्कि उनका स्वास्थ्यवर्धक आमला इलाज के नाम पर पैसा था। न ले इसके लिए एक सहमति पत्र देना का उद्देश्य था, लेकिन अब उसे वापस ले लिया गया है।

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