शिविर लगाकर किया जा रहा योजनाओं का सैचुरेशन, 3 हजार से ज्यादा लोगों के नए आधार बनाने और अपग्रेडेशन का हुआ काम, लगभग 2900 हितग्राहियों को जोड़ा बीमा योजनाओं से
अंबिकापुर 13 जनवरी 2024
पीएम जनमन योजना के तहत शिविर और विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों को पीएम जनमन योजना अंतर्गत शत प्रतिशत लाभान्वित करने संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 15 जनवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं विभिन्न जिलों से हितग्राहियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान योजना (पीएम जनमन) के सफल क्रियान्वयन के लिए पहाड़ी कोरवा समुदाय के सक्रिय लोगों को जनमन मित्र और सखी बनाया गया है। कलेक्टर श्री विलास भोस्कर के मार्गदर्शन में बनाए गए जनमन मित्र अपने समुदाय के लोगों को योजना के प्रति जागरूक करेंगे और उन्हें योजनाओं से जोड़ने प्रशासन का सहयोग करेंगे। इनके माध्यम से पहाड़ी कोरवा समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रमुख कार्य किया जाएगा। पहाड़ी कोरवा लोगों को जागरूक करने के लिए समस्त विकासखंडों में नियत 174 बसाहटों के लिए जनमन मित्र और सखी बनाए गए हैं।
शिविर लगाकर किया जा रहा योजनाओं का सैचुरेशन –
जिले के 174 बसाहटों में शिविर लगाकर योजनाओं का सैचुरेशन किया जा रहा है जिससे कोई भी व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित ना रहे। इसी क्रम में अब तक 1758 लोगों के नए आधार कार्ड बनाए गए हैं और 1265 आधार अपग्रेड किए गए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 1165 हितग्राहियों के बैंक खाते खोले गए हैं और उन्हें बचत खाते की जानकारी भी दी गई है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1361 हितग्राहियों और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1562 हितग्राहियों को बीमा योजनाओं के लाभ से जोड़ा गया है।
शिविर में आयुष्मान कार्ड, पोषण और मातृ वंदना योजना, स्वास्थ्य संबंधी जांच, केसीसी, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, वन अधिकार पट्टा, पीएम उज्जवला योजना सहित अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों में प्राथमिकता से हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। पीव्हीटीजी बसाहटो में मूलभूत कार्यो आवास, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थय, आजीविका आदि की शत प्रतिशत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में टीकाकरण, सुरक्षित प्रसव, आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क ईलाज, स्वच्छ पेयजल, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों एवं गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं को मिल रही सुविधाओं, आजीविका के साधन, वन अधिकार पट्टा, राशन जैसी सुविधाओं का भी लाभ पहुंचाया जाएगा। जिससे वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ पाए।