13-Jan-24
सुकमा : छत्तीसगढ़ के बस्तर में सरकारी अस्पताल की नर्स द्वारा बच्चे की खरीदी बिक्री के केस का खुलासा हुआ है। कलेक्टर ने नर्स को निलंबित कर दिया है। एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। सुकमा जिले के जि़ला अस्पताल में नवजात बच्चों की बिक्री करने का यह मामला है। बताते हैं, अस्पताल की ही स्टाफ़ नर्स के द्वारा नव जन्में बच्चों का सौदा जन्म से पहले ही कर लिया जाता था। खासकर गरीब परिवारों को इसका शिकार बनाया जाता था। जिला अस्पताल में गरीब बच्चे के जन्म के बाद प्रलोभन देकर महज़ बीस तीस हज़ार में बच्चे की खऱीदी कर ली जाती थी। और फिर उन बच्चों को अलग अलग जरूरतमंद लोगों को लाखों रूपये में बेच दिया जाता था।मामला तब प्रकाश में आया जब सुकमा कलेक्टर हरिस एस. को मामले की शिकायत मिली। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संरक्षण इकाई सुकमा के अधिकारियों को पड़ताल करने का निर्देश दिया। जाँच में पता चला की रामाराम ग्राम पंचायत की एक महिला से स्टाफ़ नर्स ने बच्चा खऱीदा और किसी व्यक्ति को लाखों रूपये में बेच दिया गया वहीं नव जन्मे बच्चे की माँ को महज़ तीस हज़ार रूपये देकर घर भेज दिया गया। अफसरों का कहना है, जाँच के दौरान उक्त स्टाफ़ नर्स के द्वारा पूर्व में इसी तरह कई और बच्चों की खऱीदी बिक्री की जानकारी मिली है, जिस पर जाँच जारी है।बाल संरक्षण इकाई सुकमा के अधिकारियों ने उक्त स्टाफ़ नर्स के खिलाफ सुकमा कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है। साथ ही उक्त स्टाफ़ नर्स को तत्काल निलम्बित कर दिया गया है। आरोपी नर्स पदमा नेताम ऐसे परिवारों को टारगेट बनाती थी जिसके दो से अधिक बच्चे हो। जांच में आंध्र प्रदेश और ओडिसा में भी बच्चों को बेचे जाने की बात सामने आई है।