01-Jan-24
कोरबा : मोटरयान परिचालन और हादसों की स्थिति में की जाने वाली नई कार्रवाई को लेकर सरकार ने नया विधेयक लाया है। यह सभी तरह के वाहन चालकों पर लागू होने की बात की जा रही है। अब तक सच्चाई के मूल पहलुओं से वाहन चालक अनजान हैं। इंडियन ऑयल के टैंकर चालकों को एक दिन पहले एसपी ने समझाइश देकर मना लिया। इधर कोयलांचल दीपका के प्रमुख चैराहे पर खदान में वाहन चलाने वाले लोगों ने हड़ताल कर दी। यहां लगे जाम से आवाजाही बाधित हुई। एसडीएम ऋचा सिंह ने बताया कि मामले को दिखाया जा रहा है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में कोयला परिवहन के लिए काफी संख्या में वाहन नियोजित हैं जो प्राइवेट पार्टियों के अधीन हैं। रोड सेल का कोयला उठाने और उसे गंतव्य तक पहुंचाने का काम उनके द्वारा किया जाता है। वाहन चालकों ने अपने यूनियन के आह्वान पर आज गाडियां नहीं चलाई। इन लोगों को यही बताया गया है कि भारत सरकार ने जो नया कानून लाया है उसके अंतर्गत वाहन से होने वाली दुर्घटना के मामले में जुर्माना भी होगा और 10 साल की सजा भी होगी। चालकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह सब देखा और जाना है लेकिन वास्तविक चीज उनके संज्ञान में किसी स्तर से नहीं आई है। कोलफील्ड्स में काम करने वाले वाहन चालकों ने मौजूदा स्थिति में केवल यही माना है कि उनकी गाडियों से होने वाली दुर्घटना के प्रकरण में इस तरह की कार्रवाई होना है। इसलिए वे कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। आज की हड़ताल का प्रयोजन इसे ही बताया गया है। वाहन चालकों के हड़ताल करने के साथ दीपका चैक पर जाम लगा देने से सामान्य आवागमन पर बुरा असर पड़ा। अपने कार्यों से यहां-वहां जाने वाले लोग परेशान हुए। विकल्प के आधार पर उन्हें दूसरे रास्ते तलाशने पड़े और लंबा फेरा लगाना पड़ा। इससे पूर्व इंडियन ऑयल कार्पोरेशन में टैंकर चलाने वाले चालकों ने दो दिन पहले हड़ताल करने के साथ वाहन खड़े कर दिए थे। उनके तर्क भी कुछ इसी प्रकार के थे। टैंकर नहीं चलने से काफी बड़े हिस्से में डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति प्रभावित हो गई और उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा। खबर मिलने पर रविवार की शाम पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला और एसडीएम कटघोरा ऋचा सिंह ने मौके पर पहुंच हड़तालियों से बातचीत की। उन्हें वास्तविक तथ्यों से अवगत कराया और जरूरी समझाईश दी। जिसके बाद टैंकर चालकों ने प्रदर्शन खत्म किया व कामकाज पर वापस लौट आए।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा सड़क हादसों पर चिंता जताने के साथ इनकी रोकथाम के लिए कवायद की जा रही है। हाल में ही जो विधेयक लाया गया है उसके पीछे यही बात मुख्य रूप से शामिल की गई। कहा गया कि किसी भी तरह के वाहन से खास स्थिति में होने वाली दुर्घटना को लेकर जवाबदेही तय की जा रही है। इसमें केवल भारी वाहन ही नहीं बल्कि सभी श्रेणी के वाहनों को शामिल किया गया है। चालकों को जिम्मेदारी के साथ काम करने का सबक दिया जा रहा है।