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जातीय संघर्ष का मणिपुर की खेल प्रतिभाओं पर पड़ रहा दुष्प्रभाव, गोड्डा आए खिलाड़ियों का छलका दर्द

कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो लापता हैं। या तो वे मारे गए हैं या वहां से पलायन कर गए हैं। नेटबाल कोच उमावती देवी ने बताया कि अमूमन सभी राष्ट्रीय खेलों में मणिपुर का प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन वर्तमान परिस्थिति में खिलाड़ियों का आत्मविश्वास टूट रहा है। नेशनल नेटबाल चैंपियनशिप की ट्रेडिशनल प्रतिस्पर्धा में मणिपुर की बालिका और बालक टीमों की चुनौती क्वार्टर फाइनल में ही खत्म हो गई।

26 Dec 2023

गोड्डा : जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर की परिस्थितियां आसान नहीं हैं। इसका दुष्प्रभाव वहां के खेलों और खिलाड़ियों पर भी पड़ रहा है। गत आठ माह में वहां की परिस्थिति तेजी से बिगड़ी है। इससे खिलाड़ी अभ्यास पर अपना ध्यान नहीं लगा पा रहे।कुछ इन्हीं शब्दों से साथ मणिपुर से गोड्डा आए खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों ने अपना दर्द दैनिक जागरण से सोमवार को साझा किया। मणिपुर का 19 सदस्यों वाला दल यहां झारखंड के गोड्डा के गांधी मैदान में चल रही 29वीं सब जूनियर नेशनल नेटबाल चैंपियनशिप में भाग ले रहा है। इसमें शामिल प्रशिक्षक मदन शर्मा कहते हैं कि पहाड़ी इलाकों में जनजीवन तबाह है।

सड़क परिवहन बंद है। खिलाड़ियों को सड़क मार्ग से आने की अनुमति नहीं है। यहां आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। फ्लाइट पकड़ कर पहले कोलकाता फिर झारखंड पहुंच पाए। खिलाड़ियों ने कहा कि मणिपुर हाई कोर्ट द्वारा गत अप्रैल माह में मैतेई जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के आदेश के साथ संघर्ष का यह सिलसिला शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। इसे समाप्त कराने का आश्वासन गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया था। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। नेटबाल संघ की अधिकारी व राष्ट्रीय पैनल की अंपायर शिजागुरुमयुम डायना बताती हैं कि जातीय हिंसा के कारण मणिपुर में खेलों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मारे गए हैं या पलायन कर गए

दूर-दराज की खेल प्रतिमाएं कुंठित हो रही है। उन्हें अभ्यास करने का भी सुरक्षित माहौल नहीं मिल रहा है। कहा कि कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो लापता हैं। या तो वे मारे गए हैं या वहां से पलायन कर गए हैं। नेटबाल कोच उमावती देवी ने बताया कि अमूमन सभी राष्ट्रीय खेलों में मणिपुर का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में खिलाड़ियों का आत्मविश्वास टूट रहा है। नेशनल नेटबाल चैंपियनशिप की ट्रेडिशनल प्रतिस्पर्धा में मणिपुर की बालिका और बालक टीमों की चुनौती क्वार्टर फाइनल में ही खत्म हो गई।