दागने की वजह से बच्चे असमय मौत का शिकार भी हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने का प्रयास तेज होना चाहिए।
23 Dec 2023
शहडोल : सर्दी का मौसम अब सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों को बीमार कर रहा है। बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। हालत यह है कि अस्पतालों में पीआइसीयू और बच्चा वार्ड के बेड पूरी तरह से फुल हैं। दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में फिर से एक बार बच्चों को दागना शुरू हो गया है। प्रशासन की ढील के कारण इस कुप्रथा पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।दागने की वजह से बच्चे असमय मौत का शिकार भी हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने का प्रयास तेज होना चाहिए। हालत यह है कि इस समय जिला अस्पताल में हर दिन सैकड़ों बच्चे सर्दी-जुकाम निमोनिया से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
दो दिन इलाज के बाद हो गई मौत
शहडोल जिले के पटासी गांव की तीन माह की बच्ची को 17 दिसंबर को जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था, उसकी निमोनिया के चलते 19 दिसंबर को मौत हो भी गई। देखा जाए तो अस्पतालों में निमोनिया पीड़ित बच्चों की संख्या ज्यादा है। पीआइसीयू वार्ड में पचास प्रतिशत बच्चे इसी बीमारी के हैं। जिस बच्ची की मौत हुई, उसके पेट में भी दागने के निशान नजर आ रहे थे।
निमोनिया को बता रहे मौत का कारण
19 दिसंबर को मृत बच्ची की मौत का कारण चिकित्सक निमोनिया बता रहे हैं। बताया गया है की रागिनी नामक इस बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे 17 दिसंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 19 दिसंबर की रात में उसकी मौत हो गई है। महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर शाहिना अंजुम का कहना है कि रागिनी को उसकी दादी द्वारा दागा गया, जो कि कोटमा गांव में रहती है। बच्चे निमोनिया की वजह से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसके प्राणों की रक्षा नहीं की जा सकी।
इसी तरह का मामला उमरिया जिले में भी
बंधवा जिला उमरिया निवासी राजन बैगा पिता हर्षलाल बैगा उम्र 1 माह 15 दिन के पेट में कई जगह दागने के निशान हैं। बच्चे को जिला चिकित्सालय के पीआइसीयू में भर्ती कराया गया है। हर्षलाल बैगा की पत्नी रामबाई बैगा अपने डेढ़ माह के बच्चे राजन को लेकर अपने मायके बकेली गई थी। वहां बच्चे की पसली चलने व पेट में सूजन आने की वजह से बच्चे का इलाज कराने की बजाय रामबाई की मां गांव की ही दाई को बुला लाई। दाई ने गर्म चूडिय़ों से बच्चे के पेट में 12 से अधिक बार दागा। इस बच्चे का भी इलाज चल रहा है। हालत इसकी भी नाजुक है।
डाक्टरों ने कहा-निमोनिया हो तो इलाज कराएं
मेडिकल कालेज की डाक्टर तुलसी सिंह धुर्वे का कहना है कि अगर बच्चा ज्यादा बीमार है तो उसे तत्काल डाक्टर के पास ले जाकर इलाज कराएं उसे दागने का पाप न करें। उन्होंने कहा कि इस समय पसली चलना, पेट फूलना, नाक बहना और भी सर्दी के कई लक्षण बच्चों में देखे जाते हैं। इनका इलाज दवाओं से आसानी से हो जाता है। इसलिए बीमार बच्चों को तुरंत डाक्टर के पास लेकर जाएं।
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