नई दिल्ली. दिल्ली में अवैध चॉकलेट, विक्रय पर दुकानें, विक्रय पर फैले जा रहे क्रीड़ागृह सहित कई संस्थाओं की पहचान अब कलात्मक संस्था (संस्था) पर आधारित है।
दिल्ली नगर निगम ने निजीकरण की अनदेखी का पता लगाने वाली निजी कंपनी नयन इंडियन साइंस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम किया है। अनुबंध के तहत दो माह तक दिल्ली के तीन वार्डों में पायलट प्रोजेक्ट का संचालन किया जाएगा, जिसमें कंपनी के उद्यमों के माध्यम से धर्मशाला प्रौद्योगिकी के विभिन्न कार्य और प्रयोगशालाओं का पतागी शामिल होगी। प्रोजेक्ट ख़त्म होने के बाद रिपोर्ट तैयार होगी। रिपोर्ट के नतीजों के आधार पर इस नई व्यवस्था को पूरी दिल्ली में लागू किया जाएगा। अभी प्रोजेक्ट की शुरुआत शाहदरा साउथ जोन के प्रीट व्हेयर वार्ड, करोल बाग जोन के ईस्ट पटेल नगर और मध्य जोन के कोटला मुबारकपुर से शुरू होगी।
ऐसे में डॉल की पहचान निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, दिल्ली पुलिस और अन्य शबाब की ओर से दिए गए स्टूडियो के माध्यम से कंपनी के माध्यम से विभिन्न कंपनी की निगरानी में अपनी पहचान बनाई जा रही है। इसमें कंपनी के भवन प्रौद्योगिकी के सहयोग से निगम अधिकारियों और कर्मचारियों तक को शामिल किया जाना बाकी है। इसमें अवैध किले, तट और अन्य स्थानों पर जंगल, तट, पर्यटकों के लिए भ्रमण, शौचालयों की साफ़ा- सफाई में कमी जैसा सामान कंपनी पर नज़र रखा जाएगा। प्रतिनिधि कंपनी एक कक्ष में बैठे-बैठे सभी साथियों की पहचान करेंगे। इसके बाद कंपनी और कॉर्पोरेशन के ऐप में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को अपडेट किया जाएगा। इसमें वीडियो और तस्वीरें ऐप के जरिए शेयर किए गए पार्टनर को तुरंत दूर कर दिया जाएगा।
स्मार्ट स्कूल से सहयोग
इस परियोजना के तहत 150 किलोमीटर के रोड मार्ग में सभी विपक्षी दलों का एक वैज्ञानिक डेटा तैयार किया जाएगा। स्मार्ट गैजेट के जरिए इस डेटा को नए मोबाइल ऐप में शामिल किया जाएगा। पुलिस के कैमरे के साथ बॉडी कैमरे, डूबते कैमरे के जरिए भी साथियों का डेटा इकट्ठा करने की योजना है। कंपनी इन सभी बड़े पैमाने पर कार्य करती है।
ऐप 311 से बिल्कुल अलग
नगर निगम की रियल मोबाइल ऐप 311 से यह व्यवस्था बिल्कुल अलग है। इसमें दिल्ली के नागरिक अपने वार्डों में समर्थकों की खुद की पहचान कर उन्हें ऐप में अपडेट उपलब्ध कराते हैं। जबकि, फिल्म टेक्नोलॉजी निगम के अधिकारी व कर्मचारी तक अपने आप ही निवेशकों को आकर्षित करते हैं। इन निबंधों को समयबद्ध तरीके से दूर करने के लिए निगम की जिम्मेदारी होगी।
ए.एस.आई.सी. के साथ काम करना
निगम ने पूरी दिल्ली में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और इससे जुड़े वर्ष 2016 के लिए रेजिडेंट भारतीय स्थित रेलवे स्टाफ स्टाफ (एएस सीआई) के साथ 3 महीने के लिए काम शुरू किया है। सॉलिड ऑर्गेनिक मैनेजमेंट में कामियों की पहचान कर निगम को सूचना देने का काम संस्थान का है। संस्थान निगम को सर्वोत्तम सौर ऊर्जा बनाने के प्रबंधन के लिए सुझाव दें।
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