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1.60 लाख के केसीसी लोन के लिए गारंटी जरूरी नहीं, दस्‍तावेज सत्‍यापन के लिए नहीं लगाने होंगे बैंक के चक्‍कर

किसानों की आमदनी बढ़ाने और समय से खेती के लिए सरकार केसीसी लोन लेने के लिए प्रेरित कर रही है। इसी के मद्देनजर राज्य में बिना किसी दस्तावेज के ही किसानों को 1.60 लाख तक केसीसी लोन दिया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके इस साल महज तीन हजार किसानों ने ही 1.5 लाख रुपये से दो लाख तक का केसीसी लोन लिया है।

27 Oct 2023

रांची :  राज्य में बिना किसी दस्तावेज के ही किसानों को 1.60 लाख तक केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) का लोन दिया जा रहा है। अब दस्तावेज सत्यापन के लिए किसानों को बैंक का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।

किसानों को खेती के लिए प्रेरित करती सरकार

किसानों की आमदनी बढ़ाने और समय से खेती के लिए सरकार केसीसी लोन लेने के लिए प्रेरित कर रही है। राज्य में 1.60 लाख रुपये का केसीसी लोन लेने के लिए किसान को किसी प्रकार का दस्तावेज (गारंटी) देने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इस साल मात्र तीन हजार किसानों ने ही 1.5 लाख रुपये से दो लाख तक का केसीसी लोन लिया है। सबसे ज्यादा लोन 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये के बीच लिया गया है। 25 हजार से 50 हजार तक का लोन 4.15 लाख किसानों ने लिया है।

केसीसी का डिजिटाइजेशन

केसीसी लोन को लेकर आरबीआई की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत केसीसी लोन को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है ताकि किसानों को लोन लेने के लिए किसी प्रकार के दस्तावेज को लेकर बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़े। इसके तहत जैसे ही किसान केसीसी लोन के लिए आवेदन देगा, बैंक उसकी सारी जानकारी व दस्तावेज स्वयं जुटाएगा और किसान का लोन पास कर दिया जाएगा।

4.68 लाख किसानों के पचास हजार तक लोन माफ

झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने अपने घोषणा पत्र में पचास हजार रुपये तक लोन चुकाने का वादा किया था। इसके तहत राज्य में 4.68 लाख किसानों का पचास हजार रुपये तक का केसीसी लोन माफ कर दिया गया है। हालांकि, अन्य किसानों के लोन को लेकर अभी बैंक सत्यापन की प्रक्रिया जारी रखी है। सत्यापन के बाद बचे किसानों का भी पचास हजार तक का लोन माफ कर दिया जाएगा।

पूरी तरह से ब्याज मुक्त होगा केसीसी लोन

राज्य में लगातार दो साल से सुखाड़ की स्थिति है। सरकार किसानों को राहत देने की कई योजनाओं पर काम कर रही है। इस साल राज्य सरकार ने केसीसी पर लगाने वाले चार प्रतिशत का ब्याज का भार स्वयं उठाने का निर्णय लिया है। दरअसल, केसीसी पर कुल सात प्रतिशत ब्याज देना होता है। इसमें अब तक केंद्र सरकार की ओर से तीन प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से तीन प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है।