एएमयू
– फोटो : Amar Ujala
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जुमे की नमाज के दौरान फलस्तीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार और उनकी सलामती के लिए दुआ की गई। इसके लिए एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल की गई थी। वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बाब-ए-सैयद पर पुलिस बल तैनात था।
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एएमयू छात्रों ने जुमे की नमाज में फलस्तीन के लोगों के लिए दुआ करने को लेकर बैठक बुलाई थी। जिसमें छात्रों ने कहा कि फलस्तीनियों पर अत्याचार हो रहा है। भारत हमेशा कमजोर लोगों के साथ खड़ा रहा है। यही भारत की नीति रही है, लेकिन अब एक समुदाय की धारणा बन गई है, वह फलस्तीनियों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वह मुस्लिम हैं। छात्रों ने भाजपा को भी कठघरे में खड़ा किया। कहा कि छात्र अगर फलस्तीन के पक्ष में आवाज उठाएं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी फलस्तीन को समर्थन दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दिन के हालात को देखकर ट्वीट किया था। उन्होंने इस्रराइल का समर्थन नहीं किया था। कुछ लोग एएमयू को आतंकवादियों की नर्सरी बता रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। धारा 144 लागू होने के बाद बजरंग बल ने शहर में विरोध मार्च निकाला, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन को एकतरफा फैसला नहीं करना चाहिए। इसके बाद छात्रों ने एएमयू की सभी मस्जिदों में फलस्तीन के लोगों के लिए दुआ मांगी। वहीं, अन्य मस्जिदों में भी दुनिया में अमन-चैन की दुआ की गई।
फलस्तीन के लोगों की सलामती के लिए दुआ की जाती रही है। नरसंहार का कभी समर्थन नहीं किया गया है। वह चाहे इस्रराइल हो या हमास हो। इस्राइल-हमास के युद्ध में फंसे लोगों की सलामती के लिए छात्रों ने दुआ की है, ऐसा हो सकता है। शांति की अपील की जा रही है। एएमयू अमन-चैन के साथ है। -प्रो. सैयद अली नवाज जैदी, डिप्टी प्रॉक्टर, एमएयू
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