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Pitru Paksha 2023: सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया! ना करें ये काम, जानिए श्राद्ध कर पाएंगे या नहीं

पितृ पक्ष
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों को श्राद्ध व तर्पण के साथ विदाई दी जाएगी। गंगा के घाट से लेकर कुंडों तक पितृ विसर्जन के सभी अनुष्ठान पूर्ण होंगे। पिशाचमोचन कुंड पर त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि भी दी जाएगी। शनिवार को पितृ विसर्जन पर भगवान विष्णु के हंसस्वरूप की पूजा के साथ ही पितरों के आशीर्वाद के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाएगा। सूर्यग्रहण भारत में दृश्य नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को तर्पण करने के लिए पूरा समय मिलेगा।

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काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि उदया तिथि के अनुसार, इस बार सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्तूबर को पड़ रही है। अमावस्या तिथि का आरंभ 13 अक्तूबर को रात 9:50 बजे होगा और समापन 14 अक्तूबर को रात 11:24 बजे होगा।

जो व्यक्ति पितृपक्ष के 15 दिनों तक तर्पण, श्राद्ध नहीं कर पाते या जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि याद न हो, उन सभी पितरों के श्राद्ध, तर्पण, दान आदि इसी अमावस्या को किए जाते हैं। सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों को शांति देने के लिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना उत्तम माना जाता है।