Shubham Kishore
Ranchi: एचईसी अस्थायी कर्मियों के लिए अच्छी खबर है. 1610 अस्थायी कर्मचारियों का इलाज ईएसआई से फिर से शुरू होगा. एचईसी ने ईएसआई का बकाया 81 लाख रुपये जमा कर दिया. शुभम संदेश हिन्दी दैनिक के 27 सितंबर के अंक में छपी खबर में बताया था की कैसे खाते में 20 करोड़ होने के बावजूद एचईसी ईएसआई का 80 लाख रुपये नहीं दे रहा है. 1 अक्टूबर से महज 80 लाख की वजह से ईएसआई में इलाज बंद हो जाएगा. शुभम संदेश की खबर का असर हुआ और एचईसी प्रबंधन ने 30 सितंबर को ईएसआई मद में बकाया राशि जमा कर दिया.
27 सितंबर को शुभम संदेश में छपी थी खबरकंपनी के खाते में था 20 करोड़, लेकिन ईएसआई का पैसा नहीं हुआ था जमा
सितंबर महीने में कंपनी के बैंक एकाउंट में 20 करोड़ से ज्यादा रकम जमा थी, लेकिन ईएसआई का बकाया लगभग 80 लाख प्रबंधन ने जमा नहीं किया था. इस मामले में अफसरों का कहना था कि कर्मचारियों के वेतन आदि पर खर्च का अलग हेड है. उस हेड में पैसा नहीं है. यही वजह है कि ईएसआई का पैसा जमा करने में परेशानी आ रही है. बता दें की कर्मियों के मद में लगभग 175 करोड़ बकाया है. एचईसी अफसरों को 20 माह से और स्थाई-अस्थाई कर्मचारियों को 19 माह से वेतन नहीं मिला है. वेतन मद में बकाया बढ़कर 175 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कर्मचारियों का पीएफ भी जमा नहीं हो रहा है. 2759 कर्मियों के पीएफ एकाउंट में 158 करोड़ से ज्यादा जमा करना है. कंपनी के पीएफ ट्रस्ट में 30 करोड़ रुपये 1 जनवरी 2022 से जून 2023 तक जमा नहीं किए गए हैं. पहले से 126 करोड़ पीएफ मद में बकाया थे. यह करीब 158 करोड़ हो गया है. जिस वजह से कर्मचारियों को पीएफ मद के एवज में लोन मिलना बंद हो गया है. वेतन न मिलने की स्थिति में लोन एक सहारा था.
ओपीडी की सुविधा फिर से हो जाएगी शुरू
प्रबंधन के ईएसआई मद का बकाया देने के बाद ओपीडी की सुविधा जारी रहेगी. एचईसी के 1610 ठेका श्रमिकों और उनके परिजनों का इलाज ईएसआई अस्पताल में जारी रहेगा. बता दें गंभीर बीमारी के लिए ईएसआई ने पहले ही मरीजों को बाहर भेजना बंद कर दिया है.
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