शामली जनपद में एक झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही के कारण दो नवजात शिशुओं की जान चली गई और अफसर सोए रहे। आठ वर्ष से छोलाछाप डॉक्टर बच्चों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहा था।
आखिरकार उसकी लापरवाही दो मासूमों पर भारी पड़ गई। मामला कैराना के एक क्लीनिक का है जहां बच्चों की मौत हो गई। नवजात बच्चों की मौत पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टर को हिरासत में ले लिया, साथ ही सीएमओ को मामले से अवगत कराया।
शनिवार सुबह करीब 3:00 बजे गांव बसेडा निवासी नाजिम की पत्नी तस्मीना ने सरकारी अस्पताल पर एक बेटे को जन्म दिया। नाजिम की मां रुखसाना ने बताया कि रात में ही अस्पताल पर मौजूद आशा ने कहा कि बच्चे के स्वास्थ्य में कमी है और फोन करके पास ही स्थित देव क्लीनिक के डॉक्टर नीटू को बुला लिया।
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नीटू ने बच्चों को देखकर कहा कि इसे 72 घंटे मशीन में रखना पड़ेगा और पेट से गंदा पानी निकालना पड़ेगा। इसके बाद बच्चे को देव क्लीनिक पर एडमिट कर लिया। इसके अलावा आर्य पुरी निवासी ताहिर की पत्नी ने शनिवार दोपहर 12:00 बजे सरकारी अस्पताल पर एक बेटे को जन्म दिया।
ताहिर भी अपने नवजात बेटे को दिखाने के लिए देव क्लीनिक पर ले गया। डॉक्टर ने इसे भी 72 घंटे मशीन में रखने की सलाह दी और बच्चे को एडमिट कर लिया। रविवार सुबह 5:00 बजे परिजनों ने देखा कि दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। इसके बाद दोनों बच्चों के परिजनों ने हंगामा कर दिया।
परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर एयर कंडीशन और पंखा खोलकर सो गया, जिस कारण ठंड लगने से बच्चों की मौत हो गई है। सूचना पर कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर नेत्रपाल सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और डॉक्टर को हिरासत में ले लिया।
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