इस फैसले से होटल के कमरे का किराया कम होगा।
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सरकार प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को सस्ते होटल की सुविधा मुहैया कराएगी। इसके लिए होटलों पर निकायों द्वारा वसूले जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स को कम करने की तैयारी है। पर्यटन विभाग में सूचीबद्ध होटलों पर लगने वाले प्रॉपटी टैक्स को घटाकर आवासीय भवनों की तुलना में तीन गुना करने का प्रस्ताव है। पहले यह दर छह गुना था। नगर विकास विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगा।
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बता दें कि नगर विकास विभाग ने जुलाई में ही प्रस्ताव का प्रारूप तैयार करके इसके मसौदे पर आपत्तियां मंगाई थी। जिनका निस्तारण करके अब इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद इसपर कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी। सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव में होटलों पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स को 50 फीसदी तक घटाने का प्रावधान किया जा रहरा है । मौजूदा समय में होटलों से टैक्स लेने के लिए अलग-अलग दरें तय हैं। इसके मुताबिक आवासीय भवनों पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स की दर से चार से छह गुना तक अधिक टैक्स लेने की व्यवस्था है।
किराए में आएगी एकरूपता
उदाहरण के तौर पर चार सितारा होटलों से पांच गुना और पांच सितरा होटलों में छह गुना टैक्स वसूला जाता है। इसके अलावा जिन होटलों में बार की सुविधा हो, चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका भी प्रॉपर्टी टैक्स आवासीय भवनों का छह गुना है। दरअसल होटलों के लिए अलग-अलग दरों पर होटल व्यावसायी एसोसिएशन के पदाधिकारी काफी दिनों से टैक्स का दर घटाने की मांग कर रहे थे। उनकी आपत्ति थी कि प्रॉपर्टी टैक्स अधिक होने की वजह से उनके कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए इसे कम किया जाना चाहिए।
इसके मद्देनजर नगर विकास विभाग के उच्चाधिकारियों और होटल व्यावसायियों के बीच हुई बैठक में टैक्स के प्रारूप को संशोधित करने पर सहमति बनी थी। इसके आधार पर ही शासन ने जुलाई में ही प्रॉपर्टी टैक्स के नए दर का प्रारूप में संशोधन किया था। जिसमें सभी श्रेणी के होटलों के लिए टैक्स की दर में एकरूपता लाते हुए उसे घटाकर छह से घटाकर तीन गुना करने की बात कही गई है। साथ ही इसपर आपत्तियां भी मांगी गई थी । संशोधित प्रारूप पर मिली आपत्तियों का निस्तारण किया जा रहा है।
पर्यटन विभाग में पंजीकृत होटलों को ही मिलेगी छूट
कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रॉपर्टी टैक्स में छूट का लाभ उन होटलों को ही मिलेगा, जिनका पर्यटन विभाग में पंजीकरण होगा। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर उसे उद्योगों के लिहाज से छूट देने के लिए यह परिकल्पना की गई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अयोध्या समेत अन्य शहरों में बड़े होटलों की चेन के बारे में अनुमान लगा रही है। ऐसे में वह टैक्स में छूट देकर उन्हें लुभाना चाहती है। बड़ी संख्या में होटलों के खुलने से प्रदेश की सकल आय में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अगले वित्तीय वर्ष तक मूर्त रूप लेगी योजना
सूत्रों की मानें तो यह योजना अगले वित्तीय वर्ष तक मूर्त रूप ले सकती है। फिलहाल आपत्तियों पर विचार किया जा रहा है। आपत्तियों पर विचार के बाद मूल प्रारूप में आवश्यकता के मुताबिक कुछ बदलाव किए जाएंगे। इसके बाद इसकी उच्च स्तर तक मंजूरी ली जाएगी और फिर मसौदा कैबिनैट में मंजूरी के लिए जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में तीन से चार महीने का वक्त लगने का अनुमान जताया जा रहा है।
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