-एमबीबीएस के एक छात्र को एक महीने सस्पेंड रखने का निर्णय
-सिंगल रूम नहीं मिलने से नाराज हुईं बीडीएस अंतिम वर्ष की छात्राएं
-3200 से बढ़ाकर छह हजार हुआ सालाना फीस
Shaurav Kumar Shukla
Ranchi: रिम्स में मारपीट की घटना के बाद सोमवार को हॉस्टल आवंटन शुरू कर दिया गया. 2019 बैच के बीडीएस छात्र-छात्राओं को हॉस्टल आवंटित किया गया. छात्रों से शपथ पत्र भी जमा कराया गया. उसके बाद ही हॉस्टल में कमरा आवंटित किया गया. इस साल एक बैच के छात्रों को एक हॉस्टल आवंटित किया जाना है, इससे पहले सभी बैच के छात्रों को मिला कर रखा जाता था. बता दें कि इसके अलावा मारपीट की घटना में शामिल छात्रों को पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था. जिसमें 2020 बैच के छात्र अपने माता पिता के साथ नहीं पहुंचे थे. उन्हें फिर से समय दिया गया है. वहीं 2022 बैच के छात्रों का पक्ष जाना गया और उनसे पक्ष लेकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है. एकेडमिक कमेटी ने एक छात्र को एक महीने के लिए क्लासेस से सस्पेंड करने का निर्णय लिया है. प्रबंधन ने कहा कि हॉस्टल कमेटी का निर्णय अलग से लिया जाएगा. जिसमें मुख्य आरोपी छात्रों को हॉस्टल से बाहर रखने का भी निर्णय लिया जा सकता है.
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रांची की छात्राओं को हॉस्टल नहीं देने का भी निर्णय
बीडीएस की छात्राओं ने बताया कि उन्होंने शपथ पत्र नहीं भरा है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन अपने हिसाब का निर्णय ले रहा है. रांची जिले की छात्राओं को हॉस्टल नहीं देने की बात कही जा रही है. उनका कहना है कि सभी रिम्स के आसपास से आती हैं, ऐसे में प्रबंधन का यह निर्णय पूरी तरह से गलत है. साथ ही उन्होंने बताया कि फाइनल इयर की छात्राओं को सिंगल रूम दिया जाता है, पर हमें डबल बेड रूम में ही रहने को कहा जा रहा है. बीडीएस और एमबीबीएस छात्राओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
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फीस में हुई बढ़ोतरी
हॉस्टल में रहने के लिए एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों से पहले तीन हजार रुपये लिये जाते थे. अब इस साल से दोगुना फीस लिया जा रहा है. वहीं पीजी छात्रों से साल का 12000 लिया जाएगा. छात्रों से पहले फीस ली गई है, उसके बाद भी हॉस्टल फीस भरने को कहा गया है. प्रबंधन का कहना है कि गार्जियन पर अधिक बोझ न पड़े, इसका भी ख्याल रखा गया है. इंटर्नशिप के समय से स्टाइपेंड मिलने लगता है,इसलिए पीजी छात्रों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा.
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