Tarun Kumar Chaubey
Ranchi : नगर निगम की देखरेख में चल रहा लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत्त बन रही बिल्डिंग में लोगो की दिल्चस्पी कम होती जा रही है. प्रोजेक्ट के कई लाभुक नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि उनके पैसे वापस मिल जाएं. इस प्रोजेक्ट के तहत रांची में 315-315 वर्गफीट की कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण हो रहा है. प्रोजेक्ट के तहत नई तकनीक का इस्तेमाल कर कम लागत में टिकाऊ और आपदारोधी मकान तैयार करने की योजना है. लेकिन निर्माण कार्य में गड़बडी की खबर मिलने के बाद लोगो में इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्चस्पी कम हो गई है. इस प्रोजेक्ट का लाभ लेने के लिए नगर निमग में बीते 25 दिनों से आवेदन ले रहा है, लेकिन इतने दिनों में मात्र 130 आवेदन ही निगम को प्राप्त हुए हैं. लाभुकों का कहना है कि बिना गुणवत्ता की जांच के अब वो आवास नहीं लेंगे. कहा कि हमें बिना दिखाए ही निर्माण कार्य कराया गया और अब खबर मिल रही है कि बिल्डिंग का एक हिस्सा ही गिर गया. जब हम शिफ्ट नहीं हुए हैं, तब बिल्डिंग का ये हाल है. अगर लोग वहां रहने लगेंगे, तो क्या हाल होगा.
700 लाभुकों को मिल चुका है फ्लैट
रांची नगर निगम के माध्यम से फ्लैटों का आवंटन किया जाना है. लॉटरी के जरिए लगभग 700 लाभुकों को फ्लैटों का आवंटन हो चुका है. निर्माण पूरा नहीं होने के कारण अब तक किसी फ्लैट का स्वामित्व नहीं मिला है. शेष फ्लैटों के आवंटन के लिए रांची नगर निगम लॉटरी निकालेगा.
लाभुकों ने पैसे लौटाने की मांग की
वहीं, एक लाभुक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें अपने घर का सपना दिखाया था. बैंक से लोन लेकर हम ये सपना पूरा करने वाले थे. किराये के मकान का भाड़ा और बैंक किश्त हम इस दोहरी मार को झेल रहे हैं. अब हमें मालूम चला कि जिस घर का सपना हमें दिखाया गया था वो घर रहने लायक ही नहीं है. ऐसे में हम क्या करेंगे. निगम हमें पैसे लौटाने को तैयार नहीं है. लाभुकों की मांग है कि या तो निगम भवन के गुणवत्ता की गारंटी दे या लाभुकों के पैसे वापस करे.
315-315 वर्गफीट की 1008 आवासीय
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत रांची में 315-315 वर्गफीट की कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है. प्रोजेक्ट के तहत नयी तकनीक का इस्तेमाल कर कम लागत में टिकाऊ और आपदारोधी मकान तैयार करने की योजना है. प्रोजेक्ट के तहत हर आवासीय इकाई पर करीब 13 लाख रुपए खर्च किये जा रहे हैं. प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार प्रति आवास 5.5 लाख रुपए की सहायता प्रदान कर रही है, जबकि राज्य का हिस्सा प्रति आवास एक लाख रुपए ही है. लागत की शेष राशि लगभग सात लाख रुपए लाभुक से ली जाएगी. इसके बाद फ्लैटों का आवंटन किया जाएगा. राजधानी में चल रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है.
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