भाजपा ने बनाया जिला परिषद के जनप्रतिनिधियों के ज – Lok Shakti
November 1, 2024

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भाजपा ने बनाया जिला परिषद के जनप्रतिनिधियों के ज

मधुबन में भाजपा के जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर

138 सदस्यों को गांव, गरीब के दुख- दर्द से जुड़ कर समस्याओं का समाधान करने का निर्देश

बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, अन्नपूर्णा देवी, कर्मवीर सिंह ने दिया मार्गदर्शन

Ranchi : 2024 चुनावों के देखते हुए भाजपा ने जिला परिषद के जनप्रतिनिधियों के जरिये जनता को साधने का मेगा प्लान तैयार किया है. इसी प्लान के तहत गिरिडीह के मधुबन में भाजपा के जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का 2 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है. शनिवार को शिविर के पहले दिन 138 सदस्य शामिल हुए. कार्यकर्ताओं को पार्टी के नेताओं ने बताया कि कैसे गांव-गरीब से जुड़कर और उनकी समस्याओं का समाधान करके पार्टी को फायदा मिल सकता है. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया.

जनप्रतिनिधि गांव-गरीब के दुख-दर्द से जुड़ें- बाबूलाल

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जन प्रतिनिधि गांव, गरीब के दुख-दर्द से जुड़ें. उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करें. जरूरी नहीं कि समस्याओं का समाधान मिले, लेकिन आपके प्रयासों को जनता सराहेगी. कहा कि भाजपा लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखती है. ग्रामीण व्यवस्था को सुदृढ़ करने, गांव, गरीब, किसान को मजबूत करने के लिए भाजपा हमेशा तैयार है. वहीं झारखंड सरकार ग्रामीण विकास के प्रति उदासीन है. पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को यह सरकार कमजोर रखना चाहती है. अंत्योदय के लक्ष्य को साकार करने के लिए भाजपा को मजबूत करना जरूरी है.

जानकारी के अभाव में जनप्रतिनिधियों पर हावी होते हैं अधिकारी- रघुवर

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि लोकतंत्र में कार्यपालिका के प्रशिक्षण के साथ विधायिका के लोगों को भी प्रशिक्षण की जरूरत है, ताकि दोनों में टकराव न बढ़े. जानकारी के अभाव में जन प्रतिनिधियों पर अधिकारी हावी होते हैं. कहा कि त्रि-स्तरीय व्यवस्था में समन्वय से लोकतंत्र मजबूत होता है. जन प्रतिनिधियों को गांव की योजना गांव में बने, इस दिशा में सार्थक पहल करनी चाहिए. साथ ही गांव में डायन-बिसाही, ओझा-गुणी के कारण कोई प्रताड़ित न हो, गांव नशा मुक्त बने, इसकी पहल करनी चाहिए.

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