आदिवासियों को रिझाने, भाजपा के पाले में लाने की रणनीति के तहत भाजपा ने लपका मुंडा हत्याकांड
Ranchi: झारखंड के आदिवासी-मूलवासी वोटों से ही प्रदेश की सत्ता का दरवाजा खुलता है. राज्य में जनजातियों के लिए लोकसभा की 5 और विधानसभा की 28 सीटें आरक्षित हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को 5 में से 3 सीटें जितवा दी, लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को सीटिंग सीटों से भी बेदखल कर दिया. सिर्फ दो सीटें ही भाजपा जीत पाई. अब लोकसभा और विधानसभा की सभी सीटें जीतने के लिए भाजपा ने नए सिरे से प्लानिंग की है. आदिवासियों से जुड़े हर मुद्दे को पार्टी आगे बढ़ कर लपक रही है. चाहे वह नियोजन नीति हो, बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला हो या फिर आदिवासियों की हत्या का मामला. माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड को भी भाजपा ने लपक लिया है. इस हत्याकांड के बाद आदिवासी समाज में उबाल है. इसी गुस्से को भाजपा के वोटबैंक में बदलने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर कार्यकर्ता तक मैदान में कूद पड़े हैं. भाजपा अपने विरोधी माकपा नेता की हत्या को लेकर इतना मुखर सिर्फ इसलिए है, ताकि आदिवासी समाज को यह संदेश दे सके कि उसकी हितैषी भाजपा ही है. भाजपा आदिवासी वोट बैंक को रिझाने, अपने पाले में करने की रणनीति के तहत काम कर रही है.
मरांडी-रघुवर, संजय सेठ सुभाष मुंडा के घर पहुंचे
हत्याकांड के दूसरे दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सुभाष मुंडा के घर पहुंचे. सुभाष मुंडा की हत्या के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. आदिवासी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. उसके ठीक एक दिन बाद शनिवार को पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास भी सुभाष मुंडा के घर पहुंचे. परिजनों को सांत्वना दी और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए निकल पड़े. रांची के सांसद संजय सेठ ने भी सुभाष मुंडा के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि दी. परिजनों को ढांढ़स बंधाया और हत्या की ठिकरा सरकार पर फोड़ते हुए निकल पड़े.
विधानसभा में हत्याकांड को लेकर प्रदर्शन
विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन भाजपा विधायकों ने विधानसभा कैंपस में सुभाष मुंडा हत्याकांड को लेकर मुखर दिखे. सदन के बाहर धरना-प्रदर्शन कर और मामले की सीबीआई जांच की मांग कर पार्टी ने संदेश दे दिया है कि सुभाष मुंडा हत्याकांड को लेकर सोमवार से सदन में जबरदस्त हंगामा हो सकता है.
भाजपा एसटी मोर्चा मामला लेकर राजभवन पहुंचा
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने भी सुभाष मुंडा हत्याकांड को अपना प्रमुख मुद्दा बना लिया है. 27 जून को मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की थी. रेबिका पहाड़न हत्याकांड की जांच रिपोर्ट सौंपने पहुंची टीम ने राज्यपाल को सुभाष मुंडा हत्याकांड को लेकर जानकारी दी और मांग किया कि हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए. साथ ही हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
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