Ranchi : जिस शव में पहले से ही कीड़े लगे हुए हैं, उसे खराब पड़े मॉर्चरी के फ्रीजर में रखकर आखिर क्या होगा? यह सवाल सिस्टम से है, सवाल रिम्स प्रबंधन और अंतिम पायदान तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दंभ भरने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से भी है. जिस अस्पताल का बजट करोड़ों में हो, वहां के नए मॉर्चरी के 32 कूलिंग कंपार्टमेंट खराब है. कोरम पूरा करने के लिए लावारिस शवों को यहां रख तो जरूर दिया जाता है, लेकिन ये शव फ्रीजर के खराब होने के कारण सड़-गल जाते हैं. प्रशासन इनके परिचितों को ढूंढ कर भी सामने ले आए तो शवों को पहचान पाना मुश्किल है.
शव में लग चुके हैं कीड़े
दरअसल, जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के पुराने विधानसभा के पास भीख मांग कर अपनी जिंदगी चलाने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई. लावरिस होने के कारण किसी ने सुध लेना भी मुनासीब नहीं समझा. कई दिनों तक शव पड़ा रहा. प्रशासन की नींद खुली तब जाकर जगरनाथपुर थाना के द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स लाया गया. सड़े-गले शव में कीड़े लगे हुए थे. पोस्टमार्टम के बाद शव को उसी अवस्था में मॉर्चरी में रख दिया गया, जो पहले से ही खराब पड़े हुए हैं.
मॉर्चरी का कूलिंग कंपार्टमेंट खराब होने के कारण सड़–गल जाते हैं शव
नाम न लिखने की शर्त पर एक विश्वस्त व्यक्ति ने बताया कि लगभग शव सड़े-गले अवस्था में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है. लावारिस शवों के घर वाले ढूंढते हुए पहुंच भी जाए तो अपने परिचित को पहचान नहीं पाते हैं.
रिम्स मॉर्चरी में 20-25 शव जमा होने के बाद संस्था करती है अंतिम संस्कार
मुक्ति संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने कहा कि जब मॉर्चरी में 20 से 25 लावारिस शव जमा हो जाते हैं, तब संस्था के द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. कई मामलों में परिजन अपने लापता व्यक्ति को ढूंढते हुए शव गृह तक पहुंच जाते हैं और अपने परिचित का शव लेकर जाते हैं. जिनका कोई नहीं आता है, वैसे शवों का अंतिम संस्कार संस्था के द्वारा किया जाता है.
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