फाइबर, आयरन, पोटैशियम, विटामिन सी और फॉस्फोरस से भरपूर सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद
Jayanti Kachhap
Ranchi: अपने शहर में कुछ अनोखी सब्जियां उपलब्ध हैं. राजस्थानी कद्दू, लाल बंधगोभी, कमल ककड़ी जैसी फाइबर, आयरन, पोटैशियम, विटामिन सी और फॉस्फोरस से युक्त ये सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद तो हैं ही, कई रोगों से भी हमें दूर रखती हैं. अपने शहर में भी ये सब्जियां उपलब्ध हैं. इन सब्जियों की कीमत 80 से 180 रुपये प्रतिकिलो तक है. बाजार में इन सब्जियों की डिमांड भी है. विशेषज्ञों के अनुसार, वजन घटाने, बावांसीर से राहत और शरीर का सूजन ठीक करने में ये सब्जियों का काफी सहायक होती हैं. इन सब्जियों के सेवन से कई अन्य तरह की बीमारियों से भी भी राहत मिलती है. साथ ही शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भी मिलता है.
कैसे तैयार होती है कमल ककड़ी
कमल ककड़ी, नाम सुनने से ही लगता है कि कमल से जुड़ा है. बता दें कि कमल ककड़ी कमल की जड़ को कहा जाता है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं.
कमल ककड़ी वैसे कमल के पौधो में लगता है, जो पूरा तरह से मजबूत हो. कमल का पौधा प्रकाश संश्लेषण कर जितना भी खाना तैयार करता है, उसे वह एक जगह एकत्रित कर स्टार्च के रूप में रखता है. उसी स्टार्च को कमल ककड़ी कहा जाता है. यह कैलोरी में अन्य जड़ वाली सब्जियों की तुलना में मध्यम है. प्रति 100 ग्राम लगभग 75 कैलोरी मिलती है. पेट भरा हुआ महसूस कराने के लिए इसमें बहुत सारे पोषक तत्व हैं.
कच्चा, चिप्स या सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं
सूखी हुई कमल ककड़ी 30 मिनट तक भिंगो कर रखने से वो खुद ही ताजी जैसे आकार में लौट जाती है. इसे कच्चा या चिप्स की तरह तेल मे छान कर भी खा सकते हैं. इसकी रसदार सब्जी या भुजिया भी बनायी जा सकती है. कमल सभी बारह महीने खिलनेवाले जलीय फलवाला पौधा है. कमल की जड का दो सप्ताह तक इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर ककड़ी कटी हुई हो, तो फ्रिज में तीन-चार दिन तक ही रखी जा सकती है. खराब नहीं होगी.कमल ककड़ी की कीमत बजार में इस वक्त 80 रु प्रति किलो है. इसके महंगा होने का कारण यह कि परंपरागत रूप से पानी में कमल की जड़ को हाथ से काटा जाता है इसलिए कमल की जड़ अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक महंगी है.
बेर-टमाटर के आकार का राजस्थानी कद्दू, 140 रुपये किलो
राजस्थानी कद्दू 140 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. जिस प्रकार झारखंड में पैदा होनेवाले कद्दू गोलाकार होते हैं उसी प्रकार राजस्थानी कद्दू भी गोलाकार में होते हैं पर इनका आकार सामान्य कद्दू के मुकाबले छोटा होता है. राजस्थानी कद्दू बड़े बेर या टमाटर के आकार होता है. स्वाद में यह कद्दू लोकल कद्दू की तरह ही होता है. इसमें बीज नहीं निकलता है. यह भी विटामिन युक्त है और शरीर के लिए काफी फायदेमंद हैं.
लाल बंधगोभी- सब्जी बनाएं, या सलाद के साथ कच्चा खाएं
लाल बंधगोभी या कलर कैबेज. कुछ अलग- अलग नाम से भी लोग इसे जानते हैं. यह गोभी दिखने में लाल या हलके कत्थे रंग का होता है. इसकी सब्जी भी काफी स्वादिष्ट होती है और सामान्य बंधगोभी की तरह ही पकायी जाती है. लेकिन ज्यादातर लोग सलाद में इसका उपयोग करते हैं. खास कर डायटिंग करनेवाले लोग इस गोभी का सेवन सलाद के रूप (कच्चा) में करते हैं. लाल बंध गोभी रांची के बाजारों में 180 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. लाल बंधगोभी में आयरन, पोटैशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है.
रिलायंस फ्रेश, डेली मार्केट, आरयू गेट के पास मिलेंगी ये सब्जियां
राजस्थानी कद्दू, लाल बंधगोभी, कमल ककड़ी शहर के रिलायंस फ्रेश मॉल, डेली मार्केट, डोरंडा सब्जी बाजार, कचहरी सब्जी मंडी, मोरहाबादी सब्जी मंडी, रेडियम रोड के फल दुकानों में उपलब्ध है. आरयू गेट के पास सब्जी बेच रहे महतो जी ने बताया कि इन सब्जियों की काफी डिमांड है. वैसे लोग जिन्हें इन सब्जियों की गुणवत्ता व फायदे की जानकारी है, वे हर दिन सब्जियां खरदीने आते हैं. कई दिन तो ऐसा भी होता है कि सब्जियां पहली बेला में समाप्त हो जाती हैं.
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