लोबिन का तो मिल गया विकल्प, चमरा का विकल्प तलाशने में जुटा झामुमो – Lok Shakti
November 1, 2024

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लोबिन का तो मिल गया विकल्प, चमरा का विकल्प तलाशने में जुटा झामुमो

Ranchi : झामुमो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे विधायक लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा का विकल्प तलाशने में पार्टी के रणनीतिकार जुटे हैं. पार्टी और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत साेरेन का प्रयास रंग लाया. भाजपा में उपेक्षित चल रहे अपने पूर्व दिग्गज संथाल नेता हेमलाल मुर्मू को पुन: झामुमो में वापसी करा कर लोबिन हेंब्रम को सीधा संदेश दे दिया गया कि पार्टी उनसे मान-मनव्वल के मूड में नहीं है. पार्टी ने उनका विकल्प चुन लिया है. अब भविष्य में लोबिन झामुमो छोड़ते हैं, तो झामुमो को कोई परेशानी नहीं होगी. लोबिन की जगह हेमलाल मुर्मू बोरियो सीट से विधानसभा के प्रत्याशी हो सकते हैं. पार्टी के रणनीतिकार अब बिशुनपुर के विधायक चमरा लिंडा के मामले में भी  यही रणनीति अपनायेंगे. समझा जाता है कि पार्टी चमरा लिंडा से भी मान-मनव्वल नहीं करेगी, बल्कि उनका विकल्प खड़ा करेगी. इसके प्रयास तेज हो गए हैं.

कांग्रेस के शिव कुमार भगत को विकल्प के रूप में देख रहा झामुमो

कांग्रेस नेता शिव कुमार भगत बिशुनपुर में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरे हैं. गैर भाजपाई नेता के रूप में ये चमरा लिंडा को मजबूत टक्कर दे सकते हैं. शिव कुमार भगत 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस प्रत्याशी चमरा लिंडा को कड़ी टक्कर देकर दूसरे स्थान पर रहे थे. इसके बाद चमरा लिंडा झामुमो में शामिल हो गए और 2014 और 2019 में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक बने. झामुमो इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहता है. फिलहाल शिव कुमार भगत के अलावे वहां कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. 2024 में झामुमो-कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन हुआ, तो शिवकुमार भगत की लॉटरी निकल सकती है.

चमरा लिंडा भाजपा और कांग्रेस दोनों के संपर्क में

चमरा लिंडा का फोकस आगामी लोकसभा संसदीय चुनाव पर है. लिंडा हर हाल में लोहरदगा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके लिए यह अपनी पार्टी में तो दबाव बनाए हुए हैं ही, साथ ही भाजपा और कांग्रेस दोनों से संपर्क बनाए हुए हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों चमरा लिंडा को लोहरदगा संसदीय सीट के लिए मजबूत दावेदार मान कर चल रही हैं. लोकसभा में झामुमो-कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ तो लोहरदगा सीट निश्चित ही कांग्रेस के खाते में जाएगी. इसलिए चमरा लिंडा कांग्रेस से भी संपर्क बनाए हुए हैं. हालांकि लोहरदगा संसदीय सीट से वर्तमान मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और कांग्रेस में वापसी कर चुके पूर्व विधायक सुखदेव भगत भी रेस में हैं. रामेश्वर उरांव और सुखदेव भगत के बीच छत्तीस का रिश्ता है, ऐसे में चमरा लिंडा एक विकल्प के रूप में सामने आ सकते हैं. चमरा लिंडा संसदीय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हुए तो निश्चित ही झामुमो शिव कुमार भगत को अपने पाले में कर बिशुनपुर के लिए विकलप के रूप में सामने ला सकता है. चमरा लिंडा 2009 और 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोहरदगा संसदीय सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.