पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच शुक्रवार को अचानक लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री ने 15 जून की रात हुई भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री यहां उस अस्पताल में पहुंचे जहां इन सैनिकों का इलाज चल रहा है। इस दौरान उन्होंने सैनिकों से बात की और उनका मनोबल बढ़ाया।
प्रधानमंत्री ने इस झड़प में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘जो वीर शहीद हुए वो हमें बिना किसी कारण के छोड़कर नहीं गए, आप सबने (चीन की सेना को) उचित जवाब दिया। देश की सीमा की सुरक्षा के लिए आपकी बहादुरी और जो खून आपने बताया वह हमारे युवाओं को और देशवासियों को कई पीढ़ियों तक प्रेरित करता रहेगा।’
प्रधानमंत्री ने सैनिकों से बात करते हुए कहा, आप बहादुरों द्वारा दिखाई गई वीरता के बारे में दुनिया के लिए एक संदेश गया है। जिस तरह आप उनके सामने (चीनी सैनिकों) खड़े हुए दुनिया जानना चाहती है कि ये बहादुर जवान कौन हैं? इन्हें किस तरह का प्रशिक्षण मिला है? इनका बलिदान क्या है? दुनिया आपकी बहादुरी पर चर्चा कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा देश किसी भी स्थिति में कभी भी नहीं झुका है और हम दुनिया की किसी भी शक्ति के आगे झुकने वाले नहीं हैं। मैं आपके साथ-साथ उन माताओं को भी सम्मान देता हूं जिन्होंने आप जैसे बहादुरों को जन्म दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद हाल के दिनों में काफी बढ़ गया है। 15 जून की रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारतीय पक्ष के 20 जवान शहीद हुए थे। चीन ने इस झड़प में अपने हताहत सैनिकों की अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की है। भारत पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए बीजिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि चीन मई की शुरुआत से ही एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा है।
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