(सीहोर)कुबेरेश्वरधाम पर वृद्धा आश्रम से आए बुजुर्गों की आरती उतारकर किया फूल मालाओं से स्वागत – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

(सीहोर)कुबेरेश्वरधाम पर वृद्धा आश्रम से आए बुजुर्गों की आरती उतारकर किया फूल मालाओं से स्वागत

  • 06-Jul-2023

सीहोर 6 जुलाई ।बुधवार को जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को सावन मास के दूसरे दिन सुबह बाबा की आरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धा आश्रम में निवासरत करीब 24 वृद्धजन भी यहां पर पहुंचे थे। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा, आकाश शर्मा सहित अन्य ने सभी वृद्धजनों की आरती उतारी उन्हें माला पहनाई तिलक लगाया और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया।गत दिनों गुरु दीक्षा का कार्यक्रम भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में आयोजित किया गया था, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं कुबेरेश्वरधाम पर नियमित रूप से सावन माह का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर सुबह और शाम को बाबा की आरती का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के आदेशानुसार यहां पर सावन के दो माह विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। शिव देवों के देव हैं, शिव पशुपति है सभी जीवों के देवता है। तभी तो शिव व पार्वती की शादी में सभी जीव शामिल हुए थे। भगवान शिव को पाने के लिए देवी पार्वती ने कई वर्षों तक आराधना की। इस दौरान भगवान शिव की ओर से उनकी अनेकों रूप में परीक्षा ली गई। साधना के बाद पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाया। भगवान शिव आदि अनंत शक्ति के स्वामी हैं। सभी देवों के देव है। जो भक्त सावन मास में सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है उसकी हर मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं। इस पावन माह में भगवान शिव की आराधना सर्वश्रेष्ठ है तथा इस माह में की गई शिव भक्ति से जीवन के सभी पापों का नाश हो जाता है।बुधवार को सुबह संकल्प वृद्धा आश्रम पर ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा ने हरी झंडी देकर मिनी बस से वृद्धजनों को कुबेरेश्वरधाम के लिए रवाना किया था। इस मौके पर केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, समाजसेवी अनिल राय, आश्रम के प्रबंधक राकेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी शामिल थे। वाहन से कुबेरेश्वरधाम की यात्रा के दौरान वृद्धजनों ने भगवान के भजन किए और धाम पर पहुंचकर सावन के दूसरे दिन बिलपत्र और जल से भगवान का अभिषेक किया।