डॉ आरके गुप्ता ने कहा
गॉज, बैंडेज, कॉटन, आईबी फ्लूइड करा दिया गया है उपलब्ध
आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई
डॉक्टर्स नर्सों के चौबीस घंटों का ड्यूटी रोस्टर तैयार किया गया है
डायलिसिस यूनिट की जल्द होगी शुरुआत
23 सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाया जा रहा है, जांच रिपोर्ट भी वहीं मिलेगी
अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर रोक लगीगी, सुरक्षा कर्मी लगाए जाएंगे
Ranchi : रिम्स में मरीजों को अब दवा और जांच के लिए अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा. प्रभारी निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने कहा कि छह जून को प्रभार लेने के बाद इमरजेंसी और इलाज के लिए बेसिक परेशानी को दूर करना प्राथमिकता थी. उन्होंने रिम्स में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि मरीजों को गॉज, बैंडेज, आईबी फ्लूइड की कमी दूर कर दी गई है. जरूरी दवाइयां भी रिम्स में उपलब्ध करा दी गई है. वहीं अन्य दवाइयों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. 23 सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं, जहां मरीज सैंपल दे सेकेंगे. वहीं से रिपोर्ट भी मरीजों को मिलेगी.
निजी सेंटर से जांच लिखने वाले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई
डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि जो चिकित्सक वैसी जांच जो रिम्स में उपलब्ध है, उसके लिए बाहर से जांच कराने कहते हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रिम्स में निशुल्क होने वाली जांच भी कई बार चिकित्सक बाहर से कराने के लिए कहते हैं, जिसके लिए कई गुना अधिक पैसे का भुगतान करना पड़ता है. रिम्स के जूनियर और सीनियर रेजिडेंट मरीजों को पर्ची में लिखकर ही मेडॉल समेत कई निजी सेंटर से जांच कराने को कहते हैं.
चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे डॉक्टर
रिम्स में मरीजों के इलाज के लिए अब वार्ड में चौबीस घंटे चिकित्सक मौजूद रहेंगे. सभी विभागों में चौबीस घंटे का ड्यूटी रोस्टर तैयार कर लिया गया है. पहली पाली में सीनियर चिकित्सक राउंड लेंगे. दूसरी पाली में सीनियर रेजिडेंट मरीजों को देखेंगे. इसके अलावा इजरजेंसी में मरीजों के आते ही इलाज शुरु होने लगेगा. इसके लिए मरीजों के आने के साथ ही सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को उनकी परेशानी की नोटिंग के लिए कहा गया है.
15 बेडों पर ट्रॉमा के मरीजों का होगा इलाज
निदेशक ने बताया कि रिम्स इमरजेंसी के पहले तल्ले के 15 बेडों पर ट्रॉमा के मरीजों के इलाज की शुरुआत एक से दो दिनों में कर दी जाएगी. इसके लिए व्यवस्था सुदृढ़ कर दी गई है. ड्यूटी रोस्टर भी तैयार कर लिया गया है. जल्द ही बीस बेड और एक ऑपरेशन थियेटर की सुविधा शुरू कर दी जाएगी. इमरजेंसी में सभी 53 बेड फुल हो जाने के बाद मरीजों को ट्रॉली में रखकर भी इलाज किया जाएगा.
सभी विभागों में की जाएगी आयुष्मान से इलाज की व्यवस्था
निदेशक ने बताया कि रिम्स में वर्तमान में आयुष्मान योजना चार से पांच विभागों में काम कर रहा है. इसे जल्द ही सभी विभागों में शुरू किया जाएगा. इसके लिए सभी विभागों में नॉडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे. मरीजों के स्टेंट और इंप्लांट की कमी की समस्या जल्द दूर कर ली जाएगी. कई कंपनियों के पैसे का भुगतान रुका हुआ था, उसे जारी कर दिया गया है. इसके अलावा रेट कांट्रेक्ट भी कर लिया गया है. अब मरीजों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना होगा.
लिंक फेल होने की समस्या होगी दूर
निदेशक ने दावा किया कि रिम्स में अब लिंक फेल की समस्या नहीं होगी. इंटरनेट के लिए रिम्स अपने स्तर से वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है. इंटरनेट नहीं रहने से इलाज प्रभावित हो रहा था. इसके अलावा रेलटेल की लीज लाइन की सेवा से निर्बाध रूप से इंटरनेट की व्यवस्था बहाल की जायेगी.
इंटर्न पारा मेडिकल के आते ही दूर होगी कई समस्या
डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि पारा चिकित्सा कर्मियों को एक्सटेंशन नहीं मिलने के कारण टेक्नीशियन और पारा मेडिकल कर्मियों की कमी हो गई थी. अब पारा मेडिकल के स्टूडेंट्स के इंटर्नशिप में आते ही यह परेशानी दूर हो जाएगी. बताया कि परीक्षा में देर होने के कारण परेशानी हुई है. जल्द ही रिजल्ट जारी किया जाएगा और उन्हें इंटर्नशिप में लाया जाएगा.
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