झारखंड के विद्यार्थियों को राज्य के बाहर परीक्षा केंद्र दिये जाने का विरोध
Ranchi : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में नामांकन के लिए सीयूइटी एंट्रेंस एग्जाम अनिवार्य है. CUET का परीक्षा सेंटर अन्य राज्यों में दिए जाने पर एआईडीएसओ के झारखंड प्रदेश सचिव सोहन महतो ने कहा कि अविलंब CUET को रद्द किया जाए एवं नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, सीट में बढ़ोतरी करते हुए सभी छात्रों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए. सभी अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट को अलग करना भी छात्र विरोधी कदम है. छात्रों से प्रवेश परीक्षा के नाम पर पहले तो 700 से 1300 रुपए तक फी लिए गए. अब रविवार से शुरू हो रहे CUET एंट्रेंस एग्जाम के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों को परीक्षा केंद्र तो बनाये गये, लेकिन रांची, जमशेदपुर, बोकारो, चाईबासा, हजारीबाग, रामगढ़ आदि शहरों के बच्चों का परीक्षा सेंटर कर्नाटक, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, बिहार तक दे दिया गया है. किसी छात्रों को अगर जमशेदपुर के किसी कॉलेज में एडमिशन लेना हो तो उसे कर्नाटक में जाकर एग्जाम देना पड़ेगा, यह कैसी नीति सरकार लेकर आई है. इससे तो छात्र पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे. एआईडीएसओ छात्र संगठन सरकार से मांग करता है कि CUET को रद्द किया जाए एवं नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए. सीट में बढ़ोतरी करते हुए सभी छात्रों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए.
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