H3N2 Virus
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इंफ्लुएंजा के शोर के बीच बुखार पीडि़तों में आ रहे संदिग्ध मरीजों की जांच जेएन मेडिकल कॉलेज में शुरू हो गई है। इस दौरान हल्के लक्षण वाला एक मरीज पुष्ट हुआ है। इधर, दीनदयाल अस्पताल के कोविड वार्ड में ऐसे मरीजों को भरती रखने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
बदले मौसम के बीच हालात ये हैं कि मेडिकल व जिला अस्पताल में बुखार पीडि़तों की संख्या ज्यादा आ रही है। ऐसे में उन्हें जागरूकता सलाह के साथ उपचार दिया जा रहा है। इनमें जरूरत पर बच्चों को अस्पतालों में भरती भी किया जा रहा है। जेएन मेडिकल कॉलेज की लैब में इंफ्लुएंजा वायरस सहित अन्य वैक्टेरियल संक्रमण की जांच शुरू कर दी गई है। यहां बुखार पीडि़त मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। औसतन अकेले मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 300 मरीज आ रहे हैं। जो इंफ्लुएंजा के संदिग्ध माने जा रहे हैं। हालांकि जांच में अभी तक पुष्टि नहीं हुई।
इसी तरह दीनदयाल व जिला अस्पताल की ओपीडी में भी बुखार पीडि़त व संदिग्ध मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। दीनदयाल के कोविड वार्ड को इंफ्लुएंजा के लिए तैयार किया जा रहा है। जहां जरूरत पर मरीजों को भरती किया जा सके। इसमें सभी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। इसे लेकर जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा.राकेश भार्गव कहते हैं कि उन्होंने पूरी व्यवस्था कर ली है और जांच शुरू करा दी है। अभी तक कोई मरीज भरती नहीं है। साथ में बाजार में वैक्सीन की डिमांड भी बढ़ गई है।
सीएमओ डा.नीरज त्यागी कहते हैं कि कोविड वार्ड में ही मरीजों को भरती करने की प्रक्रिया की जा रही है। जांच के लिए लैब स्टाफ को प्रशिक्षण की तैयारी है। इधर, बुधवार को दीनदयाल व जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ रही। मगर डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज दिन भर परेशान रहे। जैसे तैसे ओपीडी में उन्हें उपचार देकर काम चलाया गया।
जांच में पुष्टि पर मरीज को भेजा गया घर
मेडिकल कालेज में पिछले कई दिनों से आ रहे संदिग्ध मरीजों के बीच अब जांच में एक मरीज की रिपोर्ट पुष्ट हुई है। वायरस की पुष्टि होने के बाद मरीज को दवाइयां देकर घर पर आराम करने का परामर्श दिया गया। जेएन मेडिकल कॉलेज में तेजी से संदिग्ध मरीज पहुंच रहे है। इस वायरस से होने वाले संक्रमण में तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान और सूखी खांसी आदि की समस्या उत्पन्न हो रही है।
कई मरीजों में ज्यादा लक्षण होने व परेशानी का अधिक सामना करने के चलते जांच कराई जा रही है। इसी जांच में एक मरीज की रिपोर्ट पुष्ट हुई है। कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर राकेश भार्गव का कहना है कि कॉलेज की लैब में हल्के लक्षण वाले लगातार मरीज आ रहे हैं। किसी को भरती करने की जरूरत नहीं हो रही। एक मरीज की पुष्टि हुई थी। लक्षण हल्के होने पर उसे घर पर ही उपचार की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध मरीजों में बच्चों व बुजुर्गों की संख्या अधिक है।
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