अनिल सिंह, बांदा: चित्रकूट मंडल की प्रमुख नदियों में बालू खनन और गंदे नालों का पानी गिरने से पानी जहरीला हो रहा है। पानी इतना गंदा और प्रदूषित हो गया है कि अब इस पानी को बिना फिल्टर नहीं पिया जा सकता है। बिना फिल्टर पानी पीने से व्यक्ति बीमारी की चपेट में आ सकता है।वैसे इस समय बांदा में बालू खनन का कार्य कागजों में बंद है। वही मध्य प्रदेश के रामपुर क्षेत्र में मशीनों के जरिए बालू खनन का कार्य जारी है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कराता है पानी की जांच
चित्रकूट धाम मंडल की प्रमुख नदियों में केन, यमुना और बेतवा हैं। इन नदियों के पानी की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर माह जांच कराता है। पानी का नमूना लेकर जांच के लिए झांसी भेजा जाता है। इस माह आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बांदा की केन और हमीरपुर की बेतवा नदी का पानी बहुत ज्यादा प्रदूषित है।
केन नदी में टीडीएस की मात्रा अधिक
हमीरपुर में बेतवा नदी के पानी में करीब 900 टीडीएस की मात्रा पाई गई है। केन नदी में इसकी मात्रा 600 से ज्यादा है। केन नदी में पानी में हाडर्नेस 170. 40 और बेतवा नदी में 152.0 2 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई है। जानकारों के मुताबिक 300 के अंदर टीडीएस की मात्रा सामान्य तौर पर नुकसानदायक नहीं होती है। इसके ऊपर मात्रा होने पर कई बीमारियां हो सकती हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक बेतवा नदी( हमीरपुर) में डिजाल्व ऑक्सीजन 6.1 मिलीग्राम प्रति लीटर और केन नदी बांदा में यह मात्रा 6.2 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
तीन नाले केन को बना रहें हैं जहरीला
शहर के तीन नाले निम्नी नाला, पंकज नाला और करिया नाला हर क्षण केन की जलधार को विषैला कर रहे हैं। इनका प्रदूषित जल इतना विषैला है कि नाला गिरने के स्थान से कई किलोमीटर तक सिर्फ पानी ही नहीं वरन आसपास इलाके की मिट्टी और बालू भी काली पड़ जाती है। गर्मी में पानी कम होने के कारण नदी में नाले का पानी अधिक दिखाई पड़ता है।
जिले में एक ऐसी एकलौती नदी है जो कि करोड़ों रुपए राजस्व और हजारों घरों के चूल्हों को जलाने का जरिया है। इस बारे में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदूषित और खारा पानी शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इस पानी के पीने से ऐसे तत्व भी शरीर में पहुंच जाते हैं जिनकी जरूरत नहीं होती है। पेट संबंधी शिकायतें बढ़ जाती हैं।
बिना फिल्टर पानी सीधे पीने योग्य नहीं
क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बांदा राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक बांदा की केन नदी में नालों का गंदा पानी पहुंचता है इसकी वजह से यहां का पानी कुछ प्रदूषित है। इसी तरह हमीरपुर जिले का गंदा पानी बेतवा नदी में आता है। फिलहाल यमुना नदी का पानी स्वच्छ है फिर भी बिना फिल्टर के किसी भी नदी का पानी सीधे पीने योग्य नहीं है। नदियों में गिरने वाले गंदे पानी को लेकर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और जल संस्थान को कई बार अवगत कराया गया है। इसे रोकने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है।
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