कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही
– फोटो : amar ujala
विस्तार
अब प्रदेश में सरसों एवं तोरिया, चना एवं मसूर की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की जाएगी। फिलहाल जिन जिलों में इन फसलों का रकबा दस हजार हेक्टेयर से ज्यादा है, वहां क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मंगलवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह घोषणा की।
आलू की खरीद शुरू करने के बाद अब प्रदेश सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा के बाद कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल गई है। अब एक अप्रैल 2023 के बाद इन सरसों या तोरिया, चना एवं मसूर की नेफेड यानी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के जरिए खरीद होगी। 5450 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 3.94 लाख मीट्रिक टन सरसों, 5335 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 2.12 लाख मीट्रिक टन चना और 6000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 1.49 लाख मीट्रिक टन मसूर की खरीद होगी।
यह एमएसपी केंद्र सरकार ने घोषित की है। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में एक दिसंबर 2018 से अब तक 2.6 करोड़ किसानों को 52000 करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं। अब दस मई से 31 मई 2023 तक अभियान चलाकर इस निधि से संबंधित किसानों की सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा। पात्रों के नाम काटकर पात्रों के नाम सूची में जोड़े जाएंगे।
यह है संभावित
उत्पादन ( मीट्रिक टन) रकबा हेक्टेयर
चना – 9.05 6 लाख
मसूर – 7.78 5 लाख
सरसों तोरिया – 16.26 11 लाख
सरसों
बाजार भार ( रुपये प्रति क्विंटल)
चना 5600 – 6000
सरसों 5300 – 5600
मसूर 5500 – 5700
आलू की दुर्दशा के कारण लिया फैसला
आलू किसानों की दुर्दशा को देखते हुए सरकार ने इन तीनों फसलों की समय से ही खरीद करने का निर्णय लिया। दरअसल, आलू की खरीद उस समय करनी पड़ी जब उसके दाम गिर गए। प्रदेश भर में हंगामा मचा तो आलू की खरीद करनी पड़ी। इसी मद्देनजर यह खरीद की जा रही है ताकि इन फसलों के दाम नीचे न जाएं। यह एमएसपी केंद्र सरकार ने तय किए हैं।
अन्य घोषणाएं
– ज्वार, बाजरा एवं मक्का के लिए संकर बीज पर किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 15 हजार रुपये तक डेढ़ लाख किसानों दिया जाएगा।
– 31 मार्च से पहले पीएम कुसुम सोलर सिंचाई पंप योजना के तहत 15000 पंप लगा दिए जाएंगे
– जून 2023 तक 5550 खेत तालाब का लक्ष्य
– खेती का आर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए 30 हजार क्विंटल ढैंचा बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर
– जिले में चार प्रमुख फसलों के सर्वाधिक उत्पादकता वाले पांच किसानों को चुनकर प्रचार प्रसार से जोड़ा जाएगा।
ये भी पढ़ें – निकाय चुनाव: सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, अप्रैल में अधिसूचना और मई में चुनाव संभव
ये भी पढ़ें – 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा : आरक्षण कोटे का सही से नहीं हुआ पालन, 6800 अभ्यर्थियों का चयन रद्द
लाभ में बीज विकास निगम: चतुर्वेदी
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि घाटे में चल रहा उप्र बीज विकास निगम अब लाभ में आ गया । वर्ष 2015-2016 में यह 35.90 करोड़, 2016.2017 में 27 करोड़ तथा 2017-2018 में 24 करोड़ के घाटे में था। वर्ष 2018-2019 से लाभ शुरू हुआ। पहले साल 7 करोड़, फिर दो करोड़, फिर 4.6 और इस साल 2.19 करोड़ का लाभ हुआ वह भी सारी देनदारी चुकाने के बाद। यहां तक कि उत्तराखंड से अलग होने पर उसे 10 करोड़ रुपये देने थे। वह भी अदा कर दिए गए।
More Stories
बैरागढ़ में एक भी रैन बसेरा नहीं, ठंड में ठिठुरने को मजबूर गरीब वबेसहारा, अपावा की राहत भी नहीं
हेमंत नेता चुने गए, 28 को शपथ लेंगे
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 20 आरक्षकों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग